नई दिल्ली ।आय से अधिक संपत्ति मामले में AIADMK की महासचिव वी. के. शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा है। इस मामले में कोर्ट ने शशिकला पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। वह 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी।गौरतलब है कि दिवंगत जे. जयललिता के साथ शशिकला व अन्य इस मामले में शामिल हैं। एेसे में अब शशिकला के तमिलनाडु की सीएम बनने पर संशय है। वह किसी संवैधानिक पद पर छह साल तक बने रहने की हकदार नहीं हैं।दूसरी ओर अब पन्नीरसेल्वम खेमे का पलड़ा भारी पड़ते नजर आ रहा है। कोर्ट का फैसला आने के बाद पन्नीरसेल्वम खेमे के लोग जश्न मनाने लगे।पोएज गार्डन के बाहर बढ़ी सुरक्षा-उधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर शशिकला के आवास पोएज गार्डन के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बेहद चौकस कर दी गई है। इसके साथ ही, गोर्डन बे रिजॉर्ट के सामने सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।AIADMK के वरिष्ठ नेता एम. थंबीदुरई कोवाथुर गोल्डन बे रिजॉर्ट में शशिकला से मिलने पहुंचे। वहीं, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी इस सत्ता संघर्ष में तमिलनाडु के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को एक हफ्ते के भीतर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सदन में ही शक्ति परीक्षण कराने की सलाह दी है।
गौरतलब है कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता, शशिकला और शशिकला के दो रिश्तेदारों वीएन सुधाकरण व इलावरासी को इस मामले से बरी कर दिया था। हाईकोर्ट के इसी फैसले को कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
यह है मामला-यह मामला करीब दो दशक पुराना है। आरोप है कि आरोपियों ने 1991 से 1996 के बीच 66 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाई। इनमें 810 हेक्टेयर जमीन, गोल्ड ज्वैलरी और हजारों सिल्क साड़ियां शामिल हैं।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ट्रायल उस वक्त चेन्नई से बेंगलूरु की अदालत में ट्रांसफर कर दिया था, जब एक डीएमके मेंबर ने शिकायत दर्ज कराई। उसने आशंका जताई थी कि सूबे की अदालत में इस मामले में निष्पक्ष फैसला न हो क्योंकि मामले में मुख्य आरोपी सीएम है।
बेंगलूरु की अदालत ने 27 सितंबर 2014 को जयललिता को चार साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया। बाकी तीन पर 10-10 करोड़ रुपए का फाइन लगाया। जयललिता बतौर सीएम अयोग्य हो गईं और उन्हें पद छोड़ना पड़ा था।कर्नाटक हाईकोर्ट ने 11 मई 2015 को जया, शशिकला और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इसके बाद जयललिता की एक बार फिर सत्ता में वापसी हुई। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की।हाईकोर्ट ने अपने 919 पेज के फैसले में कहा था, आय से अधिक संपत्ति की प्रतिशतता 8.12 फीसदी है। यह अपेक्षाकृत कम है। इस मामले में आय से अधिक संपत्ति 10 प्रतिशत से कम है और यह स्वीकार्य सीमा के अंदर है। इस वजह से आरोपी बरी होने के हकदार हैं
शशिकला दोषी करार, चार साल की सजा...
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