पीएफ पर 8.65 फीसद ब्याज मिलेगा....!

नई दिल्ली। नौकरी पेशा लोगों के लिए अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार जल्द ही भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज 8.5 फीसद से बढ़ाकर 8.65 फीसदी करने जा रही है। केन्द्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने इसकी जानकारी मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय जल्दी ही चालू वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.65 फीसद ब्याज देने के के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे देगा।मतभेद की खबरों को किया खारिजश्रम मंत्री ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए ब्याज दर के मसले पर वित्त मंत्रालय और श्रम मंत्रालय के बीच मतभेद की खबरों को भी सिरे से नकार दिया। मंत्री दत्तात्रेय ने कहा कि श्रम और वित्त मंत्रालय इस मामले में बिल्कुल एकमत हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सदस्यों को 8.65 फीसद ब्याज देने के बारे में कोई मत भिन्नता नहीं है। वित्त मंत्रालय में इस पर काम चल रहा है और वह इस मसले को व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं। श्रम मंत्री का यह आश्वासन ईपीएफओ के करीब चार करोड़ सदस्यों के लिए राहत लेकर आया है, क्योंकि माना जा रहा था कि वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को ब्याज दर घटाने के लिए कहा था।फिर भी चार वर्षों में सबसे कम ब्याजदत्तात्रेय की अध्यक्षता वाली ईपीएफओ की शीर्ष निर्णायक संस्था केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) ने सदस्यों को 8.65 फीसद ब्याज देने का फैसला किया था। इससे पहले वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर घटाकर 8.7 फीसद कर दिया था, जबकि ईपीएफओ ने उस साल 8.8 फीसद ब्याज देने का फैसला किया था। बाद में श्रम संगठनों के विरोध के बाद वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ द्वारा तय ब्याज दर को मंजूरी दे दी था। गौरतलब है कि पिछले चार वर्षो में यह सबसे कम ब्याज दर है। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में सदस्यों को 8.8 फीसद ब्याज दिया गया। वहीं, वर्ष 2013-14 में 8.75 फीसद ब्याज दिया गया था। ब्याज दर स्थापित व्यवस्था के अनुसार सीबीटी अपनी ब्याज आय का अनुमान लगाकर ब्याज देने का फैसला करता है। इस में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि ब्याज दरों को पीपीएफ और दूसरी लघु बचत योजनाओं के बराबर रखा जा सके। सदस्यों को चालू वित्त वर्ष में 8.65 फीसद ब्याज देने के बाद भी ईपीएफओ के पास 269 करोड़ रुपए सरप्लस बचेगा।

No comments:

Post a Comment