भोपाल। यह खबर उन भाजपा पोषित चाटुकारों और मेरे विरुद्ध अभियान चलाने वाले लोगों के लिये एक उत्साहजनक खबर हो सकती है, क्योंकि वह इस शासन क ी मदद से इतने मदमस्त हो गये हैं कि हर वह व्यक्ति सरकार को जो आइना दिखाने का काम करता है उसे वह एक क्षण में कांग्रेसी मानसिकता होने का प्रमाण पत्र देने में देरी नहीं करते हैं, लेकिन हमने अपने चालीस साल के अधिक पत्रकारिता के सफरनामे में कभी भी किसी पार्टी का पक्षधर बनने की कोशिश नहीं की और न ही मैं कभी किसी पार्टी का सदस्य रहा, लेकिन जो हकीकत होती है उसे खुलासा करने में पीछे नहीं रहता हूं, पता नहीं इस खबर का असर उन भाजपा पोषित चाटुकारों पर क्या होगा, यह वही जानें लेकिन हां यह हकीकत है कि जिस भारतीय जनता पार्टी की सेवा में उनके वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह ने अपनी जवनी खपा दी और जब उनके जीवन का अंतिम पड़ाव का समय आया तो उन्हें एक झटके में उम्र का वास्ता देकर बाहर कर दिया, जबकि भाजपा से हटाए गए इन दोनों नेताओं गौर और सरतारज सिंह का यह दावा है कि जो शिवराज सिंह अपनी टीम के बाकी मंत्रियों को युवा मानकर चल रहे हैं लेकिन उन कथित युवा मंत्रियों से कहीं अधिक दौरे और जनता के दुखदर्द के साथ-साथ पार्टी के काम में उन्होंने जितना समय प्रतिदिन लगाया वह कहीं उन मंत्रियों से ज्यादा है, लेकिन बात यह नहीं है बात संवेदनशीलत और मानवीय आधार की है जिस भाजपा में उम्र का तकाजा लेकर अपनी पार्टी के वरिष्ठ मंत्रियों को एक झटके में अर्श से फर्श तक पहुंचाने का काम किया गया है, इसको लेकर लोग अब यह कहने लगे हैं कि सच में भाजपा से बेहतर कांग्रेस है जो भाजपा से कई मायने में संवेदनशील और मानवीयता का परिचय देने में लगी हुई है भले ही प्रदेश कांग्रेस विभिन्न गुटों में बंटी हुई हो और उसके नेता एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे हुए हों लेकिन इन सबके बावजूद भी जिस तरह की मानवता का परिचय कांग्रेस के आला कमान से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं द्वारा अपने ही दल के नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे के साथ संवेदनशीलता बरती जा रही है उसको लेकर कांग्रेस के नेताओं की तारीफ करने से नहीं चूक रहे हैं। यह सर्वविदित है कि नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे कई महीनों से बीमारी की चपेट में हैं और वह अपना इलाज कभी अमेरिका तो कभी बाम्बे में कराने में लगे हुए हैं जिसकी वजह से नेता प्रतिपक्ष के दायित्व का निर्वाहन प्रदेश में ठीक से नहीं हो पा रहा है लेकिन फिर भी एक-दूसरे के प्रति गला काट राजनीति करने वाले कांग्रेसी नेता अपने नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे को हटाने का नाम नहीं ले रहे हैं इसके पीछे उनकी संवेदना केवल इतनी है कि कम से कम सरकारी खर्चे से हमारे नेता प्रतिपक्ष का उपचार होता रहे, हालांकि भाजपा में ऐसे कई उदाहरण हैं जब जरा सी भी अस्वस्थ्यता होने के कारण भाजपा ने एक नहीं अनेक नेताओं को एक झटके में अपने पद से हटाया इन सब पर चर्चा करते हुए अब आम जनता ही नहीं भाजपा के कई वरिष्ठ नेता यह चर्चा करते नजर आते हैं कि हमारी पार्टी से तो बेहतर सच में कांग्रेस है, जो इतनी संवेदनशील और मानवीयता बनाए हुए है। हाल ही में हटाए गए गौर और सरताज सिंह को जिस उम्र के कताजे के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश में इस प्रक्रिया को अंजाम देने का जिन्होंने काम किया है उनकी इस कार्यवाही को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं तो वहीं भाजपा के नेता यह कहते नजर आ रहे हैं कि कांग्रेस भले ही भारतीय संस्कृति और भारतीय परम्पराओं का पालन न करती हो लेकिन हमारी पार्टी के नेता तो भारतीय संस्कृति, भारतीय परम्पराओं की दुहाई देते नजर आते हैं मगर गौर और सरताज के साथ उम्र के तकाजे को लेकर जिस एक झटके में उन्हें अर्श से फर्श पर ला खड़ा किया उसका क्या प्रभाव पड़ेगा यह तो भविष्य बताएगा जहां पार्टी ने अपने सदस्यों पर यह नियम तो बनाया ही है साथ में भाजपा के सदस्यों के परिजनों को भी यह संदेश दे दिया है कि ७५ के बाद पार्टी में राजनीतिक व्यक्ति का कोई मूल्य नहीं है यदि इसका प्रभाव उन राजनीतिक के बच्चों पर पड़ा तो ऐसा भी हो सकता है कि आज जो बच्चे अपने परिवार के मुखिया की आव भगत करते नजर आते हैं वह भी पार्टी के इस नियम को अपने परिवार में लागू कर देंगे तो क्या स्थिति बनेगी यह तो भविष्य बताएगा, इस चर्चा के साथ ही लोग यह चर्चा करते भी नजर आ रहे हैं कि हालांकि यह परम्परा संघ की है और संघ की इस परम्परा को लागू करते हुए जिन स्वयंसेवकों ने अपना घर परिवार छोड़ अपनी जवानी संघ के लिये खपा दी लेकिन वही संघ उम्र के अंतिम पड़ाव पर अपने उन स्वयंसेवकों को सेवानिवृत्त कर देता है जिनका इस पड़ाव पर कोई सहारा नहीं होता और ऐसे कई संघ के स्वयंसेवक आज भी ग्वालियर के एक वृद्धाश्रम में अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं उनकी क्या स्थिति यह तो वहां जाकर देखा जा सकता है कि जिन स्वयंसेवकों ने अपनी जवानी संघ के कार्य में खपाई उन्हीं स्वयं सेवकों की आज राज्य में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भी कोई खोज खबर लेने वाला नहीं है और वह ग्वालियर सहित कई वृद्धाश्रमों में अपनी जिंदगी के अंतिम पड़ाव को बेनामी जिंदगी की तरह जीने पर मजबूर हैं। इन्हीं सबकी चर्चा करते हुए प्रदेश के राजनैतिक जगत से जुड़े लोग ही नहीं बल्कि भाजपा के नेता यह कहते नजर आ रहे हैं कि हमारी पार्टी से तो अच्छे कांग्रेसी नेता हैं जो कम से कम अपने अस्वस्थ्य नेता प्रतिपक्ष को केवल इसलिये नहीं हटा रहे हैं कि उनका उपचार ठीक से हो सके। आम जनता और भाजपा के नेता कांग्रेस के इस तरह के संवेदनशील और मानवीय दृष्टिकोण की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। -अवधेश पुरोहित
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