तंबाकू नियंत्रण के लिये दृढ़ इच्छाशक्ति की जरूरत–संभागायुक्त

उज्जैन |तंबाकू जानलेवा है। तंबाकू सेवन से शरीर के हर अंग को कैंसर का खतरा होता है। प्रतिवर्ष विश्व में करीब 50 लाख और भारत में 8 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारण होती है। तंबाकू के धुंए में चार हजार किस्म के रसायन होते हैं, जिसमें 60 तत्व कैंसर जैसे रोग पैदा कर सकते हैं। तंबाकू में मौजूद निकोटिन नशे का आदि बना देता है। यह धूम्रपान के 60 सेकण्ड के अन्दर मस्तिष्क में पहुंच जाता है और फेफड़ों और धमनियों में घुल जाता है। मानव समाज की रक्षा के लिये तंबाकू नियंत्रण आवश्यक है।इसके प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से राज्य तंबाकू नियंत्रण समिति द्वारा बुधवार को पर्यटन विकास निगम की होटल उज्जयिनी में तंबाकू नियंत्रण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने उपस्थितों को तंबाकू के दुष्प्रभावों और इसके नियंत्रण हेतु किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। कार्यशाला का शुभारम्भ संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर व आमंत्रित अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर संयुक्त संचालक स्वास्थ सेवाएं डॉ.निधि व्यास व प्रभारी सीएमएचओ डॉ.प्रदीप व्यास उपस्थित थे।नियंत्रण के लिये दृढ़ इच्छाशक्ति व स्‍ट्रेटेजी में परिवर्तन की जरूरत-कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए संभागायुक्त डॉ.पस्तोर ने तंबाकू नियंत्रण के लिये  स्ट्रेटेजी में बदलाव लाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इस मुहिम में शिक्षा विभाग के लोगों को जोड़ें। शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों का अधिक से अधिक उपयोग करें। मिडिल स्कूल, हाईस्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूल, कॉलेज कंपाउंड और झुग्गी बस्तियों में तंबाकू के सेवन से ग्रसित लोगों को लेकर जायें और वे अपने कटु अनुभव बतायें।डॉ.रवीन्द्र पस्तोर ने तंबाकू नियंत्रण की दिशा में दृढ़ इच्छाशक्ति को भी महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आदतें जन्म से नहीं होती। प्रकृति ने महज इंसान को ही चुनने की शक्ति दी है या यूं कहे चुनने की स्वतंत्रता। जानवर, पेड़-पौधे प्रकृति की पसन्द से जीते हैं, इसलिये आदमी को प्रकृति द्वारा चुनने की शक्ति का सदुपयोग करना चाहिये, दुरूपयोग नहीं। उन्होंने प्रेरक कथा के माध्यम से उदाहरण देते हुए बताया कि कमजोर इच्छाशक्ति के लोग फॉलो करते हैं। अर्ली अडॉप्टर्स और फॉलोअर्स को भी इसके दुष्प्रभाव ढंग से बताने की आवश्यकता है।कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ पूर्व डीन शासकीय डेंटल कॉलेज इन्दौर डॉ.बी.एम.श्रीवास्तव, सिविल सर्जन इन्दौर डॉ.दिलीप आचार्य, डीन शासकीय डेंटल कॉलेज नागपुर डॉ.विनय हजारे, डेंटल सर्जन डॉ.अनुज व्यास, समाज सेवक डॉ.अनिल भण्डारी, एमपीव्हीएचए के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री मुकेश सिन्हा ने विस्तार से तंबाकू सेवन उसके दुष्परिणामों, इससे बचाव व इसकी लत छोड़ने के उपायों की जानकारी विस्तार से दी। इस अवसर पर प्रभारी सीएमएचओ डॉ.व्यास ने भारत सरकार द्वारा तंबाकू के बढ़ते उपयोग को रोकने के लिये 18 मई 2003 को पारित तंबाकू नियंत्रण अधिनियम-2003 की जानकारी दी। उन्होंने इस अधिनियम के तहत सेक्शन 4, सेक्शन 5, सेक्शन 6 (अ)(ब), सेक्शन 7, सेक्शन 11 और सेक्शन 21 व 24 में उल्लेखित प्रावधानों को बताया। कार्यक्रम के अन्त में  नोडल अधिकारी श्री दिलीपसिंह सिरोहिया ने आभार प्रदर्शित किया।

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