मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की अखाड़ों में जाकर साधु-सन्तों से भेंट

उज्जैन|मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को उज्जैन प्रवास के दौरान सिंहस्थ मेला क्षेत्र में स्थित विभिन्न अखाड़ों की छावनियों में जाकर अखाड़ा प्रमुखों, श्रीमहन्तों एवं उपस्थित साधु-सन्तों से चर्चा कर सिंहस्थ व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बड़नगर रोड स्थित नया उदासीन अखाड़े में जाकर जखीरा प्रमुख मुख्य महन्त श्री भगतरामजी, सचिव श्री त्रिवेणीदासजी, अध्यक्ष श्री धुनीदासजी एवं श्रीमहन्त जगतारमुनिजी से भेंट की और मुख्यमंत्री ने पुष्पहार पहनाकर साधु-सन्तों से आशीर्वाद प्राप्त किया। साधु-सन्तों व अखाड़ा प्रमुखों, श्रीमहन्तों ने भी मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को पुष्पहार पहनाकर अपना आशीर्वाद प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने अखाड़ा प्रमुखों से चर्चा कर सिंहस्थ की व्यवस्थाओं, शासन-प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यों और अन्य प्रबंधों के बारे में विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री चौहान बड़नगर रोड स्थित निरंजनी अखाड़े की छावनी में जाकर श्रीमहन्त श्री प्रकाशपुरीजी से भी भेंट की। यहां भी मुख्यमंत्री का साधु-सन्तों, श्रीमहन्तों ने आत्मीय स्वागत कर उनको आशीर्वाद प्रदान किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बड़नगर रोड स्थित आनन्द अखाड़ा सहित अन्य अखाड़ों की छावनियों में जाकर भी साधु-सन्तों से भेंट कर उनका आशीर्वाद लिया और सिंहस्थ की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में चर्चा की।मुख्यमंत्री के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्रगिरिजी, अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्री हरिगिरिजी, प्रभारी मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह, अन्य जनप्रतिनिधि, संभागायुक्त डॉ.रवीन्द्र पस्तोर एवं आईजी व्ही.मधुकुमार, डीआईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, पुलिस अधीक्षक श्री एम.एस.वर्मा आदि उपस्थित थे।उल्लेखनीय है कि इस अखाड़े के चार मुख्य महंत पूर्व, पश्चिम, उत्तर दक्षिण में है। कारोबारी एवं जमात मंडली भी है, जो सारे भारत में भ्रमण कर सनातन धर्म व ज्ञान का प्रचार-प्रसार करते है। कुम्भ मेले में शिविर लगाते हैं। नया उदासीन अखाड़े के वर्तमान में श्री महंत सर्वेश्वरमुनिजी के अलावा अध्यक्ष महन्त धुनीदासजी, जखीरा प्रबंधक महंत श्री भगतरामजी, सचिव त्रिवेणीदासजी एवं जगतार मुनि, बसंत मुनिजी आदि शामिल हैं।उपासना पद्धति- श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में पंच परमेश्वर की पूजा होती है। आचार्य एवं गुरु परंपरा है। आचार्य श्री चंद्र महाराज जी व गुरु श्री अविनाशी मुनिजी है। भगवान विष्णु, शंकरजी, सूर्य नारायण, गणेश जी की आरती पूजा होती है। सनातन धर्म का प्रचार करते हैं। इतिहास एवं परंपरा- श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन का इतिहास अति प्राचीन है। भगवान श्री ब्रम्हाजी के चार मानस पुत्रों में से एक ने वर मांग कर बाल रूप में रहने की इच्छा जताई। तपस्या की और समुदाय चलाया। तभी से अखाड़े की स्थापना हुई। अखाड़े में पंच परमेश्वर-पंच पूजा की परंपरा है। भगवान विष्णु श्री शंकरजी, सूर्य नारायणजी, श्री गणेशजी की आरती पूजा होती है। नया उदासीन अखाड़े से जुड़े श्री महंत साधु संतगण देश में निरंतर भ्रमण कर सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हैं।

No comments:

Post a Comment