फार्मासिस्टों को मिला है दवाई लिखने का अधिकार
नई दिल्ली |देश में अब फार्मा क्लिनिक पर फार्मासिस्ट फिजिशियन की तरह इलाज कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अस्पताल के बाहर बोर्ड पर अपने नाम के साथ फार्मासिस्ट रजिस्ट्रेशन नंबर और शैक्षणिक योग्यता लिखना होगी। नए कानून से लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से निजात मिलेगी। प्रदेश में करीब एक हजार नियमित और 2200 से संविदा फार्मासिस्ट हैं। इसके अलावा हजारों फार्मासिस्ट और भी हैं जो कहीं न कहीं प्राइवेट नौकरी या मेडिकल स्टोर खोलकर काम कर रहे हैं |भोपाल स्थित फार्मेसी काउंसिल ऑफ मप्र का दफ्तर। इनसेट रजिस्ट्रेशन के बाद फार्मासिस्ट को इस तरह के आई कार्ड मिल रहे है। केंद्र सरकार और फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने पीपीआर एक्ट 2015 के तहत सभी फार्मासिस्टों को फार्मेसी क्लिनिक खोलने का अधिकार दिया है। अब देशभर में फार्मासिस्ट फार्मा क्लिनिक खोलकर प्राइमरी स्तर पर इलाज कर सकेंगे, साथ ही फीस भी ले सकेंगे। इससे देशभर में लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से मुक्ति मिलेगी व प्राइमरी स्तर पर इलाज मिल सकेगा।
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