बर्लिन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी दौरे के दौरान बर्लिन पहुंचे हैं। भारतीय समर्थकों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। लोगों में मोदी को देखने का जबरदस्त उत्साह दिखा। मोदी जैसे ही बर्लिन के एअरपोर्ट पहुंचे वहां इंतजार कर रहे तमाम समर्थकों ने मोदी के समर्थन में नारे लगाए। पीएम ने कहा कि भारतीयों में अलग तरीके से सोचने की शक्ति है।इस दौरान गुजरात से आए कुछ लोगों ने कहा कि मोदी उनके राज्य से हैं और वे उनका स्वागत करने के लिए आए हैं। इस दौरान एक समर्थक ने कहा कि हम उस इंसान से मिलने आए हैं जो भारत को बदलने जा रहा है।यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विकास का फंडा रखा। पीएम ने कहा, 'कृषि, निर्माण और सर्विस सेक्टर में संतुलन बनाकर भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है।' पीएम ने कहा कि 'हमारे देश के लोग विदेश जाकर गूगल और तमाम बड़ी कंपनियों में काम करते हैं. मैं पूछता हूं कि गूगल हमारे यहां क्यों नहीं पैदा हुआ? हिंदुस्तान मैनुफैक्चरिंग हब बन सकता है. भारत में कम खर्च में निर्माण कूवत है।'बर्लिन पहुंचने के बाद मोदी ने सीमेंस टेक्निकल एकेडमी का दौरा किया। यहां मोदी ने विद्यार्थियों से उनके कार्यों के बारे में उनकी बातें सुनीं। पीएम ने जर्मनी के वाइस चांसलर सिगमार गाब्रिएल से भी मुलाकात की। सिगमार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के अध्यक्ष एवं जर्मनी के आर्थिक और ऊर्जा मंत्री भी हैं।भारतीयों में अलग तरह से सोचने की शक्ति-मोदी
बर्लिन । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी दौरे के दौरान बर्लिन पहुंचे हैं। भारतीय समर्थकों ने मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। लोगों में मोदी को देखने का जबरदस्त उत्साह दिखा। मोदी जैसे ही बर्लिन के एअरपोर्ट पहुंचे वहां इंतजार कर रहे तमाम समर्थकों ने मोदी के समर्थन में नारे लगाए। पीएम ने कहा कि भारतीयों में अलग तरीके से सोचने की शक्ति है।इस दौरान गुजरात से आए कुछ लोगों ने कहा कि मोदी उनके राज्य से हैं और वे उनका स्वागत करने के लिए आए हैं। इस दौरान एक समर्थक ने कहा कि हम उस इंसान से मिलने आए हैं जो भारत को बदलने जा रहा है।यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विकास का फंडा रखा। पीएम ने कहा, 'कृषि, निर्माण और सर्विस सेक्टर में संतुलन बनाकर भारत विकास के पथ पर आगे बढ़ सकता है।' पीएम ने कहा कि 'हमारे देश के लोग विदेश जाकर गूगल और तमाम बड़ी कंपनियों में काम करते हैं. मैं पूछता हूं कि गूगल हमारे यहां क्यों नहीं पैदा हुआ? हिंदुस्तान मैनुफैक्चरिंग हब बन सकता है. भारत में कम खर्च में निर्माण कूवत है।'बर्लिन पहुंचने के बाद मोदी ने सीमेंस टेक्निकल एकेडमी का दौरा किया। यहां मोदी ने विद्यार्थियों से उनके कार्यों के बारे में उनकी बातें सुनीं। पीएम ने जर्मनी के वाइस चांसलर सिगमार गाब्रिएल से भी मुलाकात की। सिगमार सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) के अध्यक्ष एवं जर्मनी के आर्थिक और ऊर्जा मंत्री भी हैं।
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