तिरुअनंतपुरम । युद्ध से तबाह यमन से अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिए चलाया गया अभियान आपरेशन राहत भारत ने पूरा कर लिया। इस दौरान उसने इस हिंसाग्रस्त देश से कुल 5600 लोगों को सकुशल निकासी की। इसमें 4,640 भारतीयों के अलावा 41 देशों के करीब एक हजार नागरिक भी शामिल हैं। लेकिन कई भारतीय नर्सों ने यमन छोड़ने से इन्कार कर दिया। इसमें यमन के एक अस्पताल में कार्यरत करीब 64 नर्से शामिल हैं, जिन्होंने स्वदेश लौटने के केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री केसी जोसेफ के आग्रह को गुरुवार को ठुकरा दिया।शुक्रवार को जोसेफ ने बताया, 'अभियान खत्म होने से पूर्व गुरुवार को मैंने यमन के एक अस्पताल में कार्यरत नर्सों से बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि वे भारत लौटने की इच्छुक नहीं हैं।' बकौल मंत्री, 'जब मैंने उन्हें यमन की खतरनाक स्थिति का हवाला देते हुए लौटने के लिए जोर दिया तो उनका साफ कहना था कि मुझे उन पर लौटने के लिए दवाब नहीं देना चाहिए।' जोसेफ ने बताया, 'जिस अस्पताल की नर्सों से मैंने बात की, वहां पर कार्यरत केरल की 64 नर्से यमन से लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।' प्रवासी मंत्री के मुताबिक, 'इसी प्रकार यमन के मबार क्षेत्र के एक अस्पताल में भी केरल की 45 नर्से हैं, उनमें से केवल दस ही लौटी हैं। बाकी वहां से आने के लिए तैयार नहीं हुई। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार यमन में केरल की करीब 3,000 नर्से कार्यरत हैं, इसमें से केवल 823 ही स्वदेश लौटी हैं। जोसेफ ने आशंका जताई कि अभी भी केरल के कई लोग यमन में फंसे हो सकते हैं जबकि सना स्थित भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया है।यमन छोड़ने से भारतीय नर्सों का इन्कार...
तिरुअनंतपुरम । युद्ध से तबाह यमन से अपने नागरिकों को सुरक्षित स्वदेश वापस लाने के लिए चलाया गया अभियान आपरेशन राहत भारत ने पूरा कर लिया। इस दौरान उसने इस हिंसाग्रस्त देश से कुल 5600 लोगों को सकुशल निकासी की। इसमें 4,640 भारतीयों के अलावा 41 देशों के करीब एक हजार नागरिक भी शामिल हैं। लेकिन कई भारतीय नर्सों ने यमन छोड़ने से इन्कार कर दिया। इसमें यमन के एक अस्पताल में कार्यरत करीब 64 नर्से शामिल हैं, जिन्होंने स्वदेश लौटने के केरल के प्रवासी मामलों के मंत्री केसी जोसेफ के आग्रह को गुरुवार को ठुकरा दिया।शुक्रवार को जोसेफ ने बताया, 'अभियान खत्म होने से पूर्व गुरुवार को मैंने यमन के एक अस्पताल में कार्यरत नर्सों से बात की। उन्होंने मुझसे कहा कि वे भारत लौटने की इच्छुक नहीं हैं।' बकौल मंत्री, 'जब मैंने उन्हें यमन की खतरनाक स्थिति का हवाला देते हुए लौटने के लिए जोर दिया तो उनका साफ कहना था कि मुझे उन पर लौटने के लिए दवाब नहीं देना चाहिए।' जोसेफ ने बताया, 'जिस अस्पताल की नर्सों से मैंने बात की, वहां पर कार्यरत केरल की 64 नर्से यमन से लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।' प्रवासी मंत्री के मुताबिक, 'इसी प्रकार यमन के मबार क्षेत्र के एक अस्पताल में भी केरल की 45 नर्से हैं, उनमें से केवल दस ही लौटी हैं। बाकी वहां से आने के लिए तैयार नहीं हुई। उन्होंने बताया कि एक अनुमान के अनुसार यमन में केरल की करीब 3,000 नर्से कार्यरत हैं, इसमें से केवल 823 ही स्वदेश लौटी हैं। जोसेफ ने आशंका जताई कि अभी भी केरल के कई लोग यमन में फंसे हो सकते हैं जबकि सना स्थित भारतीय दूतावास बंद कर दिया गया है।
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देश
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Thiruvananthapuram, Kerala, India
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