नई दिल्ली | ‘पैदाइशी चैम्पियन’ जैसे जुमले तो हर किसी ने सुने होंगे। ये होते कैसे हैं, यह ठीक-ठीक बताना मुश्किल है। तस्वीर में तीर-कमान थामे इस बच्ची को देखिए। तीन साल की भी नहीं है। अभी नौ दिन बाकी हैं, इसके तीसरे जन्मदिन को। इस उम्र में बच्चे खिलौने भी ठीक से नहीं पकड़ पाते। लेकिन यह बच्ची तीर-कमान से सटीक निशाने लगाती है। सटीक इतना कि निशाना सीधे नेशनल रिकॉर्ड पर लगा है।डॉली शिवानी चेरुकुरी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। दिल्ली में रहती है। सरोगेसी से पैदा हुई। लेकिन जैसे उस कोख से ही तीरंदाजी सीखकर आई है। पिता चेरुकुरी सत्यनारायण तो यही कहते हैं। अभी जब रिकॉर्ड के लिए इम्तहान हो रहा था तो डॉली ने पांच से सात मीटर की दूरी से 24 बार कोशिश की। इस दौरान 72 तीर छोड़े। पूरे 200 प्वाइंट हासिल किए। इतनी दूरी से, इतना स्कोर। ‘आगे कोई बना पाएगा, यह भी मुश्किल है’, इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड के बिश्वरूप रॉय चौधरी तो यही मानते हैं।‘पैदाइशी चैम्पियन’ तीरंदाजी में बनाया नेशनल रिकॉर्ड...
नई दिल्ली | ‘पैदाइशी चैम्पियन’ जैसे जुमले तो हर किसी ने सुने होंगे। ये होते कैसे हैं, यह ठीक-ठीक बताना मुश्किल है। तस्वीर में तीर-कमान थामे इस बच्ची को देखिए। तीन साल की भी नहीं है। अभी नौ दिन बाकी हैं, इसके तीसरे जन्मदिन को। इस उम्र में बच्चे खिलौने भी ठीक से नहीं पकड़ पाते। लेकिन यह बच्ची तीर-कमान से सटीक निशाने लगाती है। सटीक इतना कि निशाना सीधे नेशनल रिकॉर्ड पर लगा है।डॉली शिवानी चेरुकुरी का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। दिल्ली में रहती है। सरोगेसी से पैदा हुई। लेकिन जैसे उस कोख से ही तीरंदाजी सीखकर आई है। पिता चेरुकुरी सत्यनारायण तो यही कहते हैं। अभी जब रिकॉर्ड के लिए इम्तहान हो रहा था तो डॉली ने पांच से सात मीटर की दूरी से 24 बार कोशिश की। इस दौरान 72 तीर छोड़े। पूरे 200 प्वाइंट हासिल किए। इतनी दूरी से, इतना स्कोर। ‘आगे कोई बना पाएगा, यह भी मुश्किल है’, इंडिया बुक ऑफ रिकाॅर्ड के बिश्वरूप रॉय चौधरी तो यही मानते हैं।
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खेल
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New Delhi, Delhi, India
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