भूमि अधिग्रहण बिल पर फैलाया जा रहा है -मोदी

 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आज देश के किसानों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने किसानों की चिट्ठियों को पढ़ा और उनके दर्द का एहसास किया। पीएम ने कहा कि इस बार बेमौसम बारिश से फसलों को जो नुकसान हुआ है, उससे बहुत सारे किसान प्रभावित हुए हैं, उनका सबकुछ तबाह हो गया है। हम इस मुसीबत की घड़ी में आपके साथ हैं। केंद्र और राज्य सरकारें आपकी मदद करेंगी, यह मैं विश्वास दिलाता हूं। पीएम ने कहा, मैं सरकार को जगाऊंगा, दौड़ाऊंगा, सरकार संवेदना के साथ मदद करेगी।प्रधानमंत्री ने किसानों से मिले सुझावों पर कहा कि इतने सवालों, सुझावों का अंदाजा न था, आपके सवालों से आपके दर्द का एहसास हुआ। खाद की कीमत बढ़ रही है उस पर किसानों की नाराजगी है। किसानों तक योजनाओं की जानकारी नहीं पहुंच पाती। किसानों को बिजली नहीं मिल रही है।भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। पिछले 60-65 सालों से पुराना कानून चल रहा है। 2013 में तत्कालीन सरकार इस बारे में जल्दबाजी में कानून लेकर आई थी, इसमें कई कमियां थीं, हमने इसमें सुधार किया। पहले सरकारी जमीन का अधिग्रहण, फिर बंजर जमीन का अधिग्रहण होगा, शहर में 20 फीसद विकसित जमीन मिलेगी। उपजाऊ जमीन का अधिग्रहण अंतिम विकल्प होगा और इसके लिए उचित मुआवजा और नौकरी का प्रावधान है। सरकार जबरन किसानों से जमीन नहीं ले सकती।पीएम मोदी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल पर विरोध किसानों को गरीब रखने की साजिश है। हमने एक अथॉरिटी बनाई है जो जिले के किसानों की समस्याओं का समाधान जिले में ही करेगी। वहां अगर संतोष नहीं होता, तो कोर्ट जा सकते हैं। सड़क के बगल में सरकार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाती है, कॉरिडोर के नजदीक में जितने गांव आएंगे उनको वहां कोई न कोई, वहां रोजी रोटी का अवसर मिल जाएगा, उनके बच्चों को रोजगार मिल जाएगा।13 योजनाओं को बिल के दायरे में लाया गया है। इन योजनाओं में किसानों को मुआवजे का प्रावधान है। पीएम ने ये भी कहा कि जो राज्य इस कानून को लागू नहीं करना चाहता वे इसके लिए स्वतंत्र हैं।हम आपका भी अधिकार नहीं छीनेंगे, आप किसी भी कोर्ट में जा सकते हैं।

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