भोपाल -प्रवीण देशमुख बने दिल्ली के विधायक

भोपाल । दिल्ली की जंगपुरा सीट से आम आदमी के टिकट पर चुनाव जीते प्रवीण देशमुख मूल रूप से भोपाल के रहने वाले हैं। एमबीए करने के बाद प्रवीण नौकरी की तलाश में दिल्ली चले गए। वहां नौकरी छो़ड अन्ना आंदोलन से जु़ड गए। इस चुनाव में आप ने उन्हें जंगपुरा सीट से मैदान में उतार दिया और वे चुनाव जीत गए। प्रवीण की जीत से उनके माता-पिता खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं। अयोध्या नगर स्थित प्रकाश नगर में रहने वाले पीएन देशमुख का भारत टॉकीज के पास टायर का व्यवसाय है। उनके दो बेटे हैं एक प्रवीण कुमार और दूसरा लोकेश।प्रवीण के पिता का कहना है कि उनके परिवार का राजीति से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनके परिवार का कोई सदस्य नेता बनेगा। बेटे की जीत पर उन्हें बेहद खुशी है और उम्मीद है कि भविष्य में वह जनता से किए वादों पर खरा उतरेगा। वह जनता की सेवा के लिए काम करेगा न कि पैसे के लिए।देशमुख बताते हैं कि उनके बेटे ने बीएससी के बाद टीआईटी से एमबीए किया था और इसके बाद 2006-07 में जॉब के लिए दिल्ली चला गया। वहां उसने कई कंपनियों में काम किया। अन्न हजारे के आंदोलन के समय वह उनसे जु़ड गया और उसने करीब सा़ढे छह लाख रुपए के पैकेज की जॉब को छो़ड दिया। इसके बाद वह मोदी मिल क्षेत्र में गरीब बस्ती के बच्चों को फ्री में प़़ढने लगा। साथ ही सिसौदिया के ओएसडी के तौर पर भी काम करता रहा।पीएन देशमुख ने बताया कि उनके बेटे प्रवीण का भोपाल में एक प्लॉट है और उसके पास ज्यादा बैंक बैलेंस भी नहीं है। उसकी काफी इच्छा थी कि वह सोशल वर्क करता रहे। इसीलिए वह अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़ा था। उसने जब नौकरी छोड़ी थी तो ईश्वर से वे प्रार्थना करते रहते थे कि वह अच्छा काम करता रहे। कभी रूपये के लालच में न आए और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहे।प्रवीण के पिता ने बताया कि उसके खिलाफ नौ प्रत्याशी मैदान में थे। बीजेपी प्रत्याशी एमएस धीर को हराया। उन्होंने धीर को 20 हजार 482 वोटों से पराजित किया।

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