नीतीश 130 विधायकों की राष्ट्रपति के सामने परेड कराएंगे

 पटना । जदयू नेता नीतीश कुमार ने सरकार बनाने के लिए उन्हें राज्यपाल की ओर से आमंत्रित करने में हो रही देरी पर सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कि वे अपने समर्थक 130 विधायकों को विमान से दिल्ली भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं। बुधवार को राष्ट्रपति के समक्ष इनकी परेड कराई जाएगी। जदयू विधायक दल के नेता नीतीश ने यहां मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि अगर राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी की ओर से शाम तक जवाब नहीं आया तो जदयू, राजद, कांग्रेस, माकपा और एक निर्दलीय विधायक को रात को विमान से दिल्ली ले जाया जाएगा।नीतीश ने कहा कि हम 130 विधायकों के साथ 8 फरवरी को राजभवन गए थे और समर्थन का पत्र सौंपा था। अब इसमें अध्ययन जैसी क्या बात है। उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने में देरी का कोई औचित्य नहीं है। नीतीश ने कहा कि उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है। रिमोट किसके पास है रविवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की मोदी से मुलाकात के संदर्भ में नीतीश ने कहा कि इससे जाहिर है कि उन्हें [मांझी और उनके साथियों को] कौन रिमोट से चला रहा है। खरीद फरोख्त की आशंका नीतीश ने कहा कि 130 विधायकों के समर्थन का पत्र मिलने के 24 या 48 घंटे में राज्यपाल को निर्णय ले लेना था। इस देरी से विरोधी गुट को विधायकों की खरीद--फरोख्त का समय मिल जाएगा।मांझी की प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं से मुलाकात से लग रहा है कि उन्हें विधायकों की खरीद--फरोख्त का लाइसेंस मिल गया है। भाजपा के टिकट की पेशकश नीतीश ने आरोप लगाया कि उनके कई विधायकों को मांझी खेमे ने मंत्री पद और चुनाव में भाजपा के टिकट की पेशकश की है। सवाल उठता है कि मांझी किस हैसियत से भाजपा के टिकट की पेशकश कर रहे हैं। इससे जाहिर है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे असल में कौन है। मांझी को सीएम बनाकर गलती की नीतीश ने माना कि मांझी को अपना उत्तराधिकारी चुनकर उन्होंने गलती की थी। नीतीश ने कहा, 'खुद मांझी ने कहा था कि मेरी मति मारी गई है जो मैंने उन्हें चुना।' बहरहाल नीतीश ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की भारी पराजय के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के अपने निर्णय को सही बताया।

No comments:

Post a Comment