"हमारा जल - हमारा जीवन" विषय पर कार्यशाला सम्पन्न

 ग्वालियर|पृथ्वी के 70 प्रतिशत भू-भाग पर पानी है। इस उपलब्ध पानी का 97.4 प्रतिशत पानी समुद्र के रूप में खारा पानी है, जिसका मानव जीवन के लिये उपयोग नहीं किया जा सकता। शेष 2.6 प्रतिशत मीठे जल में से मात्र दशमलव 6 प्रतिशत जल ही पीने के पानी के रूप में उपयोग किया जा सकता है। इस तथ्यों से हम पानी के महत्व को समझ सकते हैं। क्योंकि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। यह तथ्य आज जल संसाधन विभाग ग्वालियर के तत्वावधान में कृषि महाविद्यालय सभागार में "हमारा जल - हमारा जीवन" पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा बताए गए हैं।  कार्यशाला महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई। कलेक्टर श्री पी नरहरि, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री इलैया राजा टी, कृषि महाविद्यालय के डीन श्री तोमर तथा केन्द्रीय जल संसाधन विभाग नई दिल्ली के श्री राहुल जैसवाल विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित से प्रारंभ हुई इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि जल ही जीवन है। जल के बिना श्रृष्टि की कल्पना निरर्थक है। जल का संरक्षण, संवर्धन एक महत्वपूर्ण नियम है। जिस पर हम सभी को चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल, जमीन, वायु ईश्वर की नियामत है लेकिन मानव ने अपने स्वार्थें के लिये उनका दोहन किया। इसके परिणाम स्वरूप आज हमें समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण एक सामाजिक समस्या भी है, इसके लिये सभी को जागरूक होना पड़ेगा। अगर हम दैनिक दिनचर्या में भी पानी के दुरूपयोग को रोक लेवें तो भी काफी हद तक समस्या का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने नगर निगम के मुखिया के रूप में जल संरक्षण के लिये सभी हर संभव प्रयास का आश्वासन भी दिया।  कलेक्टर श्री नरहरि ने कहा कि जल का हमारे जीवन में क्या महत्व है ? यह बात हम सभी जानते हैं। जल हमारे जीवन का मूल आधार है। हम देखते हैं दुनिया की सभी सभ्यतायें वहीं विकसित हुई जहाँ जल स्त्रोत थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गंगा नदी हमारी संस्कृति की परिचायिका है लेकिन गंगा को हमने प्रदूषित कर दिया। आज केन्द्र सरकार द्वारा गंगा सहित सभी बड़ी-छोटी नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने की चर्चा तेज की गई है। पूरे देश में जल के संरक्षण पर चर्चा से निकले परिणाम व सुझावों पर भविष्य की रणनीति तैयार की जायेगी। 

No comments:

Post a Comment