हमारा जल हमारा जीवन संबंधी कार्यशाला संपन्न
शाजापुर | जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों के अनुरुप समस्त 29 राज्यों एवं सात केन्द्र शासित प्रदेशों में 13 जनवरी से 17 जनवरी तक भारत जल सप्ताह 2015 में जल संवर्धन, जल संरक्षण एवं जल उपयोगिता के संदर्भ में शाजापुर जिला स्तर पर नोडल विभाग- जल संसाधन विभाग द्वारा आज 16 जनवरी को गांधी हाल सभाग्रह में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री महेन्द्र कुमार जैन कार्यपालन यंत्री कार्यालय मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार, इंदौर, श्रीमती शशि जैन सहायक संचालक केन्द्रीय जल आयोग भोपाल, श्री राजीव उमठ वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, श्री धाकड, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, श्री चौहान कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी शाजापुर, श्री मुकुल जैन कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग शाजापुर, श्री एच.बी. माथुर अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन, श्री नवीन कमठान, जल संसाधन, श्री जादौन अनुवविभागी अधिकारी जल संसाधन, जिले के समाजसेवक व जल योजनाओं की वृहद जानकारी रखने वाले जल चिन्तक श्री सूरजमल सांकलिया एवं जल संसाधन विभाग के समस्त उपयंत्रियों सहित समस्त मैदानी व कार्यालयीन कर्मचारी वर्ग मौजूद थे। कार्यशाला में उपस्थित समस्त वक्ताओं ने जल उपयोगिता के संदर्भ में अपने अपने विचार व्यक्त किये, इंदौर से पधारे श्री महेन्द्र कुमार जैन ने अपने सघन अनुभव से सभा को अवगत कराते हुए कृषकों एवं नागरिकों को जल की उपयोगिता के लिये जागरुक करने की दिशा में बहुत ही मार्मिक एवं प्रभावशाली विचार व्यक्त किए। तत्पश्चात् श्री सांकलिया ने अपने अनुभव से सभा को अवगत कराते हुए उपस्थित कृषकों को जल की उपयोगिता के लिये जागरुक बनने का आग्रह किया। कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक श्री उमठ ने जोशीले भाषण के माध्यम से वर्षा जल की विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्री चोहान कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जिले की समस्त पेयजल योजनाओं की जानकारी प्रस्तुत कर कृषकों से जल की उपयोगिता के बारे में कृषकों आग्रह किया। कार्यशाला का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया गया। आभार श्री एच.बी. माथुर अनुविभागी अधिकारी ने माना। शासन के आशय अनुरुप उपस्थित समस्त अधिकारी, कर्मचारी, आम नागरिक एवं कृषकों को जल की उपयोगिता की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में विशेष रुप से जिले की समस्त उपभोक्ता संथाओं के अध्यक्ष, सदस्य व लाभान्व्ति कृषकों व आम नागरिकों को आमंत्रित किया गया था।
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