मुकदमा पूर्व विवादों के निराकरण हेतु अनूठा तरीका स्थाई लोक अदालत

मन्दसौर |   प्रायः हर प्रकार के न्यायालयीन मामलों एवं विभागीय समस्याओं के निराकरण में काफी व्यय एवं समय का लगना सम्भावित होता है। इसी प्रकार की समस्याओं के त्वरित, सस्ते एवं सुलभ निराकरण के लिये विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 में लोकोपयोगी सेवा के लिये स्थाई लोक अदालत का प्रावधान किया गया है, जिसमें वायु, सड़क या जलमार्ग द्वारा यात्रियों या माल के वहन के लिये यातायात सेवा, डाक तार या टेलीफोन सेवा, किसी स्थापना द्वारा जनता को विद्युत, प्रकाश या जल का प्रदाय, सार्वजनिक मल वहन या स्वच्छता प्रणाली, अस्पताल या औषधालय सेवा एवं बीमा सेवा को सम्मिलित किया गया है। उक्त सेवाओं से जुड़े मामलों के निराकरण के लिय मंदसौर जिले के लिये मुख्यालय पर स्थाई लोक अदालत खण्डपीठ गठित की जाकर प्रथम अपर जिला न्यायाधीश को उसका पीठासीन अधिकारी बनाया गया है। लोक अदालत प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार कार्य दिवस पर आयोजित की जाती है। उक्त उल्लेखित सेवाओं के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई समस्या सेवा से जुड़े दोनों पक्षों में से किसी भी पक्ष को होने पर वह इस लोक अदालत में साधारण आवेदन प्रस्तुत कर मामले का निराकरण करा सकता है। अतः श्री राजेन्द्र प्रसाद शर्मा जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मंदसौर द्वारा समस्त आमजन से यह आव्हान किया जाता है कि यदि वह अपनें किसी उक्त उल्लेखित सेवाओं से जुड़े मामलें का विनिश्चय कराना चाहते है तो वह लोकोपयोगी सेवा हेतु गठित स्थाई खण्डपीठ के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायालय परिसर, मंदसौर के कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।

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