सोशल मीडिया पेड न्यूज के दायरे में हो

इंदौर। भारत निर्वाचन आयोग के महानिदेशक अक्षय राऊत ने गुरुवार को इंदौर में कहा कि अब सोशल मीडिया को भी पेड न्यूज के दायरे में लाने की तैयारी है। इसके लिए आयोग और सूचना एवं तकनीक मंत्रालय के बीच बातचीत का दौर जारी है। राऊत पेड न्यूज पर केंद्रित मीडिया वर्कशॉप में शामिल होने आए थे। इंदौर और उज्जैन संभागों के लिए आयोजित इस वर्कशॉप में विभिन्न अखबारों व न्यूज चैनलों के प्रतिनिधि और मप्र निर्वाचन आयोग के सीईओ जयदीप गोविंद, ज्वॉइंट सीईओ एसएस बंसल, संभागायुक्त संजय दुबे, कलेक्टर आकाश त्रिपाठी आदि मौजूद थे। राइट टू रिजेक्ट के सवाल पर आयोग के महानिदेशक राऊत ने कहा कि इस बारे में सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन को कार्यान्वित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग एक्शन ले रहा है। इस काम में आयोग जुटा है, इसके लिए निर्देश जारी किए जाएंगे। मध्यप्रदेश में पहली बार - राऊत ने कहा कि पेड न्यूज को लेकर मध्यप्रदेश में पहली बार निगरानी रखी जाएगी। देश के विभिन्न राज्यों में हुए चुनावों में पेड न्यूज के कुल एक हजार से अधिक मामले सामने आए हैं, लेकिन हम उम्मीद करेंगे कि आगामी विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में ऐसा कोई मामला न मिले। चुनाव खर्च में जु़़डेगी पेड न्यूज की राशि-यदि अखबार या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी प्रत्याशी के पक्ष में कोई समाचार, प्रोग्राम या लेख पेड न्यूज साबित हुआ तो इसे विज्ञापन मानकर उतनी राशि संबंधित प्रत्याशी के चुनाव खर्च में जो़़डी जाएगी। इसके साथ ही समाचार माध्यम के इस काम के लिए प्रेस काउंसिल को भी अवगत कराया जाएगा। सभी जिलों में कमेटी बन चुकी है। इसके अध्यक्ष कलेक्टर हैं। मप्र निर्वाचन आयोग के सीईओ गोविंद ने भी संबोधित किया। संभागायुक्त दुबे ने स्वागत भाषण दिया। कलेक्टर त्रिपाठी ने आभार माना।

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