भाजपा नेता सहित चार विधायकों के खिलाफ प्राथमिकी


मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 26 हो चुकी है, 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और चार भाजपा विधयकों तथा कांग्रेस के एक पूर्व सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों में अभी भी कर्फ्यू है. गृह सचिव कमल सक्सेना ने बताया ‘‘हिंसा में मरने वालों की संख्या 26 हो गई है और 45 लोग घायल हैं जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है.’’  उन्होंने बताया कि हिंसा के सिलसिले में 200 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है. जिले में स्थिति अब नियंत्रण में है. पुलिस ने बताया कि भाजपा विधायक दल के नेता हुकुम सिंह, विधायकों सुरेश राणा, भारतेंदु, संगीत सोम और कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के खिलाफ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है.अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि कई गांवों में हिंसा हो रही है और स्थिति को सामान्य होने में समय लगेगा. जिले के सिविल लाइन्स, कोतवाली और नई मंडी शहर में कर्फ्यू जारी है. मुजफ्फरनगर के अलावा मेरठ और शामली जिलों में भी सेना तैनात की गई है. हिंसा प्रभावित इस जिले में और आसपास के इलाकों में कल सेना ने फ्लैग मार्च किया था। कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए हजारों दंगारोधक पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं.अधिकारियों ने बताया कि सेना के अलावा, प्रांतीय बल के 10,000 जवान, सीआरपीएफ के 1,300 जवान और त्वरित प्रतिक्रिया बल के 1,200 जवान भी यहां तैनात किए गए हैं. मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा के सिलसिले में केंद्र ने कल उत्तर प्रदेश सरकार से एक रिपोर्ट मांगी और दंगे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए. गृह मंत्रालय के अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार से संपर्क बनाए हुए हैं और राज्य सरकार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले में हिंसा नियंत्रित करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया गया है. दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है कि सांप्रदायिक तनाव राज्य के दूसरे हिस्सों में न फैले.सूत्रों ने बताया कि जरुरत पड़ने उन लोगों की ऐहतियात के तौर पर गिरफ्तारी तथा नजरबंदी जैसे कदम उठाए जाएंगे जो लोग शांति भंग करने के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं. कवल गांव में 27 अगस्त को छेड़छाड़ की घटना को लेकर तीन लोगों के मारे जाने के बाद से तनाव फैला हुआ है. इस घटना के सिलसिले में दर्ज मामले वापस लेने की मांग को लेकर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए नगलाबादहोड में बैठक की गई जिसके बाद हिंसा हुई.|

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