पति की लंबी आयु के लिए हरितालिका तीज का व्रत
नई दिल्ली |आज हरितालिका तीज है। महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और उनकी रक्षा के लिए व्रत रखती हैं। गोरखपुर में नेपाली समुदाय के लोगों ने इस मौके पर गीत-संगीत का आयोजन किया।हरितालिका तीज या रिगपंचमी दोनो नाम है एक ऐसे त्यौहार का जो है सुहागिनों के सुहाग का प्रतीक। भादो महीने के शुक्ल पक्ष के तृतीया को मनाया जाने वाला हरितालिका तीज कल पूरे जोर शोर से मनाया जायेगा। भगवान शिव और पार्वती के पूजन के साथ शुरु होने वाले इस व्रत को महिलायें अपने पति की लम्बी आयु के लिये रखती है और इसकी तैयारी कई दिन पहले से होती है। गोरखपुर में आज शाम से ही व्रती महिलायें खासकर नेपाली समुदाय की, जो भारत में रह रही हैं अपने पूरे रीति रिवाज से सारी रात जागती हैं और गीत संगीत के द्वारा भगवान शिव की आराधना करती हैं। तीज व्रत रखने वाली यह महिलायें शहर के एक मंदिर में शाम ढलने के बाद इकट्ठा होती हैं और पूरी रात ढोल, मादल और पारम्परिक वाद्ययंत्रो के संगीत पर नाचती गाती हैं।भला है बुरा है, जैसा भी है, मेरा पति मेरा देवता है। फिल्मी गीत के इस भाव को अपने जीवन में उतारने का काम केवल एक पतिव्रता महिला ही कर सकती है। वह महिला चाहे भारत की हो या फिर नेपाल की, और इसी अमर सुहाग का प्रतीक एक महापर्व कल मनाया जायेगा। यह महापर्व है हरितालिका तीज। इस त्यौहार कीतैयारियां 15 दिन पहले से चलती हैं। इस पर्व के एक दिन पहले रात भर शिव मंदिरों में महिलाओं का जमावड़ा लगा रहता है और इस दिन सुहागिनें भगवान शिव की विशेष पूजा करती हैं। समाज का हर वर्ग हर समाज इस महापर्व में शामिल होता है इस पर्व को मनाने के लिये महिलायें एक दिन पहले से ही गीत संगीत में खोकर अपने तरीके से इस त्यौहार को मनाती हैं। यह त्यौहार तो सभी हिन्दू धर्म के सुहागिनों द्वारा मनाया जाता है।गोरखपुर में आज नेपाली समाज की महिलाओं ने इस त्यौहार की तैयारी रंगारंग कार्यक्रम से की और शाम ढलते ही इनके गीत संगीत का सिलसिला शुरू हो गया। इनका यह कार्यक्रम आधी रात तक चलता है और नेपाली पारम्परिक गीतों पर झूमते नाचते इनको देख पता ही नहीं चलता है कि यह नेपाली मूल की हैं। मादल और ढोलक के थाप पर झूमती नाचती यह महिलायें तीज को बेहद रंगारंग अंदाज में मनाती हैं। पत्नियां अपने पतियों के साथ तो बुजुर्ग स्वयं ही मादल के थाप पर थिरकने से खुद को रोक नही पाते हैं। कई घंटों तक मस्ती के साथ झूमती गाती इन महिलाओं का कहना है कि तीज सुहागिनों का सबसे बडा त्यौहार है खासकर नेपाली महिलाओं का। भारत में रहकर ही नेपाल की संस्कृति से इस त्यौहार को मनाना इनके लिये बेहद खास है।गोरखपुर में आज हरितालिका तीज के एक दिन पहले इन नेपाली मूल की महिलाओं ने एक साथ जुटकर पहले भगवान शिव का पूजन किया और मंदिर के सामने ही उनका गीतों और नृत्य के साथ शुरु हुआ मस्ती का आलम देर रात तक तक चलता रहेगा। यह त्यौहार एक सीख देता है कि पति चाहे जैसा भी हो, लेकिन एक पतिव्रता पत्नी का प्रेम कभी उसके लिये कम नहीं होता, उसकी सलामती के लिये किया जाने वाला यह व्रत पति पत्नी के अटूट प्रेम का एक संदेश भी देता है।
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