राम सिंह
इस मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह की मार्च 2013 में मौत तिहाड़ जेल में हो गई। पुलिस के अनुसार उसने सुसाइड किया, जबकि परिवार कहता है कि उसकी हत्या की गई। 33 वर्षीय राम सिंह एक विधुर था, जो रविदास स्लम कालोनी में रहता था। वह एक बस ड्राईवर था। जिस समय दिल्ली गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया, उस समय बस वही चला रहा था। उसके पड़ोसी बताते हैं कि वह आये दिन किसी न किसी से झगड़ा करता रहता था। मूल रूप से वह राजस्थान का रहने वाला था। उसके कुल पांच भाई हैं। बचपन में जब उसे स्कूल भेजा गया, तो प्राइमरी कक्षा के बाद ही उसने स्कूल छोड़ दिया। 2009 में एक बस दुर्घटना में उसके दायं हाथ में गभीर चोट लगी थी, उसी को आधार बनाकर उसके पिता ने हत्या का आरोप लगाया।
इस मामले के मुख्य आरोपी राम सिंह की मार्च 2013 में मौत तिहाड़ जेल में हो गई। पुलिस के अनुसार उसने सुसाइड किया, जबकि परिवार कहता है कि उसकी हत्या की गई। 33 वर्षीय राम सिंह एक विधुर था, जो रविदास स्लम कालोनी में रहता था। वह एक बस ड्राईवर था। जिस समय दिल्ली गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया, उस समय बस वही चला रहा था। उसके पड़ोसी बताते हैं कि वह आये दिन किसी न किसी से झगड़ा करता रहता था। मूल रूप से वह राजस्थान का रहने वाला था। उसके कुल पांच भाई हैं। बचपन में जब उसे स्कूल भेजा गया, तो प्राइमरी कक्षा के बाद ही उसने स्कूल छोड़ दिया। 2009 में एक बस दुर्घटना में उसके दायं हाथ में गभीर चोट लगी थी, उसी को आधार बनाकर उसके पिता ने हत्या का आरोप लगाया।
मुकेश सिंह
मुकेश सिंह राम सिंह का छोटा भाई है। उम्र लगभग 20 वर्ष। वह भी रविदास कालोनी में ही रहता था। इस पर आरोप है कि उसने बलात्कार की वारदात को अंजाम देने के बाद छात्रा और उसके दोस्त के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया। जब छात्रा से छेड़छाड़ शुरू हुई, तब राम सिंह की जगह मुकेश ही ड्रार्इवर की सीट पर आकर बैठ गया था।
मुकेश सिंह राम सिंह का छोटा भाई है। उम्र लगभग 20 वर्ष। वह भी रविदास कालोनी में ही रहता था। इस पर आरोप है कि उसने बलात्कार की वारदात को अंजाम देने के बाद छात्रा और उसके दोस्त के सिर पर लोहे की रॉड से वार किया। जब छात्रा से छेड़छाड़ शुरू हुई, तब राम सिंह की जगह मुकेश ही ड्रार्इवर की सीट पर आकर बैठ गया था।
विनय शर्मा
20 वर्षीय विनय जिम में असिस्टेंट फिटनेस ट्रेनर था। वह भी रविदास कालोनी में ही रहता था और मुकेश सिंह का पक्का दोस्त भी। इन सभी आरोपियों में यही एक है, जो पढ़ा लिखा है और अंग्रेजी समझ व बोल सकता है। इसने स्नातक प्रथम वर्ष तक पढ़ाई की है। विनय के वकील का कहना है कि वह उस रात दिल्ली में था ही नहीं। वह अन्य आरोपी पवन गुप्ता के साथ म्यूजिक फंशन में गया था।
20 वर्षीय विनय जिम में असिस्टेंट फिटनेस ट्रेनर था। वह भी रविदास कालोनी में ही रहता था और मुकेश सिंह का पक्का दोस्त भी। इन सभी आरोपियों में यही एक है, जो पढ़ा लिखा है और अंग्रेजी समझ व बोल सकता है। इसने स्नातक प्रथम वर्ष तक पढ़ाई की है। विनय के वकील का कहना है कि वह उस रात दिल्ली में था ही नहीं। वह अन्य आरोपी पवन गुप्ता के साथ म्यूजिक फंशन में गया था।
अक्षय ठाकुर
28 वर्षीय अक्षय ठाकुर बिहार का रहने वाल है और उसे पुलिस ने 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। वह बस में क्लीनर का काम करता था। उसने पिछले साल ही पढ़ाई छोड़ दी थी। अक्षय शादीशुदा है और उसका एक बेटा भी है। अक्षय का दावा है कि वह उस रात बिहार के लिये वारदात से पहले ही रवाना हो चुका था।
28 वर्षीय अक्षय ठाकुर बिहार का रहने वाल है और उसे पुलिस ने 21 दिसंबर को गिरफ्तार किया था। वह बस में क्लीनर का काम करता था। उसने पिछले साल ही पढ़ाई छोड़ दी थी। अक्षय शादीशुदा है और उसका एक बेटा भी है। अक्षय का दावा है कि वह उस रात बिहार के लिये वारदात से पहले ही रवाना हो चुका था।
पवन गुप्ता
19 वर्षीय पवन गुप्ता परचून की दुकान लगाता था। रिपोर्ट के अनुसार वारदात को अंजाम देने के बाद सबसे घिनौना काम इसी ने किया। उसने लड़की की कमर के नीचे के हिस्से पर रॉड से हमला किया। जबकि उसके पिता हीरालाल का दावा है कि उस पर झूठा मुकदमा चलाया गया है। पिता के अनुसार उसने दोपहर को दुकान बंद की उसके बाद घर पर ही चिकन खाने व शराब पीने के बाद वह पास में ही एक म्यूजिक फंशन में चला गया। बाद में वह खुद वहां से उसको घर लाये।
19 वर्षीय पवन गुप्ता परचून की दुकान लगाता था। रिपोर्ट के अनुसार वारदात को अंजाम देने के बाद सबसे घिनौना काम इसी ने किया। उसने लड़की की कमर के नीचे के हिस्से पर रॉड से हमला किया। जबकि उसके पिता हीरालाल का दावा है कि उस पर झूठा मुकदमा चलाया गया है। पिता के अनुसार उसने दोपहर को दुकान बंद की उसके बाद घर पर ही चिकन खाने व शराब पीने के बाद वह पास में ही एक म्यूजिक फंशन में चला गया। बाद में वह खुद वहां से उसको घर लाये।
नाबालिग आरोपी
छठा आरोपी नाबालिग है, जिसके नाम और तस्वीर का खुलासा नहीं किया गया है। उसकी उम्र 17 साल थी, जिस समय उसने वारदात को अंजाम दिया। उसी के चलते 31 अगस्त को जुवेनाइल कोर्ट ने उसे तीन साल की सजा सुनायी। वह दिल्ली पढ़ाई करने आया था, लेकिन स्कूल जाने के बजाये इधर-उधर काम करने लगा। बाद में वह राम सिंह के संपर्क में आया और उसी के साथ घूमा करता था। बताया जाता है कि इस हैवानियत भरी वारदात में सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी आरोपी ने दिखाई थी।
छठा आरोपी नाबालिग है, जिसके नाम और तस्वीर का खुलासा नहीं किया गया है। उसकी उम्र 17 साल थी, जिस समय उसने वारदात को अंजाम दिया। उसी के चलते 31 अगस्त को जुवेनाइल कोर्ट ने उसे तीन साल की सजा सुनायी। वह दिल्ली पढ़ाई करने आया था, लेकिन स्कूल जाने के बजाये इधर-उधर काम करने लगा। बाद में वह राम सिंह के संपर्क में आया और उसी के साथ घूमा करता था। बताया जाता है कि इस हैवानियत भरी वारदात में सबसे ज्यादा दरिंदगी इसी आरोपी ने दिखाई थी।

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