भोपाल । वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल हेराल्ड के संपादक नीलाभ मिश्र अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, उनका निधन शनिवार सुबह 7.30 बजे चेन्नै के अपोलो अस्पताल में हो गया। वह 57 वर्ष के थे। नीलाभ लंबे वक्त से नॉन एल्कोहॉलिक लीवर सिरॉसिस से जूझ रहे थे। तबियत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें चेन्नै के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मल्टीपल ऑर्गन फेल्योर की वजह से लीवर ट्रांसप्लांट नहीं हो सका।
24 फरवरी 2018 को उन्होंने चेन्नै के अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। इस दौरान नीलाभ का परिवार और दोस्त मौजूद रहे। नीलाभ के परिवार में कविता श्रीवास्तव, भाई शैलोज कुमार, भाभी सुधा और भतीजी नवाशा शामिल हैं। नीलाभ ने साल 2016 में नेशनल हेराल्ड को डिजिटल रुप देते हुए इसकी वेबसाइट लॉन्च की थी। नीलाभ नेशनल हेराल्ड के अलावा नवजीवन और कौमी आजाद के डिजिटल काम को संभाल रहे थे। नेशनल हेराल्ड की स्थापना 1938 में प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी।उल्लेखनीय है कि नीलाभ मिश्रा ने 2007 से 2015 आउटलुक हिंदी का संपादक के तौर पर नेतृत्व किया था। उनके इस कार्यकाल के दौरान मैगजीन मासिक से पाक्षिक हुई। परमाणु बिल, गुजरात में लड़कियों का शोषण, दलित शोषण जैसे मुद्दों को लेकर मैगजीन ने चर्चित कवर स्टोरी प्रकाशित की गई थी। उन्होंने 2003 में आउटलुक हिंदी के साथ अपना सफर बतौर सहायक संपादक शुरू किया था। आउटलुक के साथ उन्होंने 13 साल की लंबी पारी खेली।इससे पहले वे कुछ समय तक फ्रीलांसर के तौर पर देश-विदेश के मुद्दों पर भी लिखते रहे और रिसर्च फील्ड से जुड़े रहे थे।अपने करियर की शुरुआत 1986 में हिंदी के बड़े अखबार नवभारत टाइम्स के पटना एडिशन से करने वाले नीलाभ ने ईटीवी समूह की इंग्लिश मैगजीन न्यूजटाइम के साथ भी काम किया, जहां वे राजस्थान के स्टेट ब्यूरो चीफ थे। वे न्यूज एजेंसी इंडिया अब्रॉड ब्रॉडकास्टिंग यानी आज की आईएएनएस और न्यूज वेबसाइड इंडिया इंफो डॉट कॉम के साथ भी जुड़े रह चुके थे।( डॉ नवीन जोशी )
वरिष्ठ पत्रकार नीलाभ मिश्रा नही रहे..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment