देवास। करीब एक वर्ष पूर्व गंगा नगर राजस्थान में आईसीआईसीआई बैंक में फर्जी चेक के माध्यम से लाखों रुपये की हेराफेरी हुई थी। इस मामले में राजस्थान पुलिस देवास से शाकिर अली दीप, सादिक शेख व सुरेश नामक युवक को उठाकर ले गई थी। इनमें से शाकिर अली व सादिक अभी भी गंगा नगर जेल में है। जेल में रहते हुए सादिक ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गंगा नगर को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराते हुए बताया था कि धोखाधड़ी के इस कांड में उन्हें फंसाया गया है। जबकि असली आरोपी अभी भी बाहर है। सादिक शेख ने इन लोगों के नाम भी मजिस्ट्रेट को बताए थे। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए गंगा नगर पुलिस अधीक्षक को इस मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद गंगा नगर पुलिस ने जितेंद्र बोहरा पिता चोथमल निवासी एमआईजी सेक्टर बी स्कीम नंबर 74 इंदौर, चेतन चौहान 12 खोली महू नाका इंदौर, अकबर एवं उसका भाई अमजद दोनों निवासी शाही जामा मस्जिद के पास बड़ा बाजार देवास, जागीरसिंह पिता जोगेंदरसिंह बैंक प्रबंधक गंगा नगर राजस्थान, पीयुष गोयल बैंक प्रबंधक, अमित गोयल पिता प्रेमचंद बैंक उप प्रबंधक श्री गंगा नगर, मनमीत कौर पति प्रवीण निवासी श्री गंगा नगर के खिलाफ जीेरो पर कायमी कर प्रकरण देवास पुलिस को भेज दिया था। इस पर 14 सितंबर 2017 को कोतवाली पुलिस ने सभी 8 आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120 बी, 384 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था और इस मामले की जांच एएसआई अजय शाहनी को सौंपी गई थी, किंतु दुर्भाग्य रहा कि इन 8 आरोपियों में से एक आरोपी जितेंद्र बोहरा को तो श्री गंगा नगर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, किंतु 7 आरोपी आज भी पुलिस गिरफ्त से दूर है। पुलिस ने अभी तक इन आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास नहीं किया है, लिहाजा वे बेधकड़ बाजार में घूमते नजर आ रहे है। इस संबंध में जांचकर्ता अधिकारी एएसआई अजय साहनी ने जो बात कही, वो चौंकाने वाली है। उनका कहना है कि जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनके खिलाफ सबूत नहीं मिल रहे है, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अब सवाल यह उठता है कि जब सीजेएम के निर्देश पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है तो फिर देवास पुलिस को ऐसे कौन से सबूत चाहिए, जिसके बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। जबकि शाकिर अली व सादिक को तो श्री गंगा नगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज होते ही गिरफ्तार कर लिया था। इस पूरे मामले में कोतवाली पुलिस की भूमिका संदेह के दायरे में आती जा रही है। हालांकि कोतवाली टीआई राजीवसिंह भदौरिया ने आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने की बात कही है।
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