दो हजार के इकट्ठे न करे...क्यो..?

नई दिल्ली । बीते वर्ष नोटबंदी के दौरान जारी हुए दो हजार रुपये के नोट का चलन बैंकों ने कम कर दिया है. बैंकों ने कर्मचारियों को आदेश दिए हैं कि केवल बड़ी रकम की निकासी पर ही दो हजार रुपये का नोट ग्राहकों को दिया जाए. ज्यादातर नगदी 500 व 100 रुपये के नोट में दी जाए. बड़ी रकम के नोटों में भी दो हजार के सभी नोट न दिए जाएं.इन निर्देशों के बाद बैंकों में दो हजार रुपये के नोट को बंद करने की चर्चाओं को बल मिल रहा है.सार्वजनिक एरिया व व्यक्तिगत बैंकों को दो हजार रुपये के नोट को कम से कम ग्राहकों को देने के आदेश हैं ताकि यह चलन में बेहद कम रहे.दीपावली से पूर्व बैंकों को मिले निर्देशों के मुताबिक बैंक के काउंटर व एटीएम में कम से कम दो हजार रुपये के नोट इस्तेमाल किए जाएं.बीते वर्ष आठ नवंबर को 1000 व 500 रुपये के नोट बंद करने के बाद गवर्नमेंट ने दो हजार रुपये का नोट जारी किया था. करेंसी संकट के समय इसे आवश्यकता बताया गया, लेकिन काले धन को बढ़ावा देने के आरोप तब लगाए गए. अब 200 रुपये व 50 रुपये के नए नोट जारी होने के बाद बैंकों ने दो हजार रुपये के नोट का चलन कम कर दिया है.अर्थशास्त्री डा। शरद भारद्वाज का कहना है कि अर्थव्यवस्था से दो हजार का नोट धीमे-धीमे बाहर किया जाना चाहिए. डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के कुछ समय बाद यह नोट बंद हो व इसकी स्थान दूसरा छोटा नोट जारी किया जाए. काले धन व नकली नोटों पर इससे प्रभावी रोक लगेगी l

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