ब्रिटेन में छह अप्रैल से भारत समेत गैर यूरोपीय देशों के नागरिकों की परेशानियाँ बढ़ने वाली हैं. दरअसल, ब्रिटेन ने नौकरी से जुड़े टायर2 श्रेणी वीजा के आवेदन की शर्ते कड़ी कर दी हैं.ब्रिटिश सरकार ने करीब 80 हजार रुपये का सालाना कुशल आव्रजन शुल्क और स्वास्थ्य उपकर लगा दिया है और उच्चतम वेतन की सीमा तय कर दी है.ब्रिटिश अधिकारियों का कहना है कि आव्रजन शुल्क कंपनियों को ब्रिटिश कर्मचारियों की भर्ती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लगाया गया है.
अगर कोई कंपनी अपने कर्मी को ब्रिटेन स्थानांतरित भी करती है, तो उस पर भी यह शुल्क लागू होगा.इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य गैर यूरोपीय नागरिकों पर निर्भरता घटाना है. ब्रेग्जिट प्रक्रिया पूरी होने के बाद यूरोपीय नागरिकों पर भी ये नियम लागू होंगे.भारत और ब्रिटेन के भावी मुक्त व्यापार समझौते की राह में रोड़ा अटक सकता है, क्योंकि भारत वस्तुओं और सेवाओं की तरह पेशेवरों की मुक्त आवाजाही चाहता है.स्वास्थ्य, शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में काम के लिए ब्रिटेन आने वाले गैर यूरोपीय नागरिकों को अपने देश की पुलिस का क्लीयरेंस प्रमाणपत्र देना होगा.
अमेरिका के बाद ब्रिटेन से आई भारतीयों के लिए बुरी खबर
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