मुम्बई । शास्त्रीय संगीत की एक और लोकप्रिय 'तान' सोमवार देर रात हमेशा के लिए शांत हो गई। प्रसिद्ध हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका किशोरी अमोनकर का सोमवार देर रात निधन हो गया । किशोरी अमोनकर 84 वर्ष की थीं। मध्य मुंबई स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा कि वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। एक हफ्ते बाद ही यानि 10 अप्रैल को उनका जन्मदिन है।महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव और मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने उनके निधन पर शोक जताया है। अमोनकर का जन्म 10 अप्रैल 1932 को हुआ था। अमोनकर को वर्ष 1987 में पद्म भूषण और 2002 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 2010 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी का फेलो नियुक्त किया गया।अमोनकर की माता मोगुबाई कुर्दिकर भी गायिका थीं। मोनकर ने गायन और जयपुर घराने की बारीकियां अपनी मां से सीखी थीं। गायिकी की अपनी अगल शैली के चलते संगीत की दुनिया में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। उन्हें हिंदुस्तानी संगीत की पारंपरिक रागों पर शास्त्रीय ख्याल गायिकी में महारत हासिल थी। ठुमरी, भजन और फिल्मी संगीत में भी उन्होंने पहचान बनाई।
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