वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बने डॉनल्ड ट्रंप को अभी एक ही महीना हुआ है। लेकिन उनके खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। वहीं ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी की जा रही है। अगर डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाया गया तो उनका नाम सबसे कम दिनों तक राष्ट्रपति रहने के इतिहास में दर्ज हो जाएगा।कैलिफॉर्निया से शुरू हुई डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारीराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कुर्सी से हटाने की कवायद एक महीने में ही शुरू हो चुकी है। कैलिफॉर्निया की रिचमंड सिटी काउंसिल ने सर्वसम्मति से अमेरिकी संसद से गुहार लगाई है कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इम्पीचमेंट प्रस्ताव लाने के लिए जांच शुरू करें।
ट्रंप के बिजनेस को लेकर मची हलचल-कैलिफॉर्निया से सदस्य गेल मैकलॉघलिन ने इस प्रस्ताव को बढ़ाते हुए दलील दी है कि राष्ट्रपति ट्रंप का बिजनेस पूरी दुनिया में फैला हुआ है और जिसका पूरा ब्यौरा देने से वह मना कर चुके हैं। संविधान और कानून के मुताबिक यह पर्याप्त वजह है कि संसद उनके खिलाफ इम्पीचमेंट प्रस्ताव लाने के लिए जांच की प्रक्रिया को शुरू करे।क्यों ट्रंप को हटाने का लग रहा कयास-पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के खिलाफ इम्पीचमेंट की चर्चा दूसरे कार्यकाल और 6वें साल में शुरू हुई थी और उससे पहले जॉर्ज बुश के आखिरी दिनों में उन्हें हटाए जानें की चर्चा ने जोर पकड़ा था। अमेरिकी संविधान में दिए प्रावधान के मुताबिक यदि चुनाव हो जाने के बाद कोई राष्ट्रपति मानसिक क्षमता गंवा दे, अपनी सरकार को किसी गबन या दमन में झोंक दे अथवा विदेशी शक्तियों के विश्वास को धक्का पहुंचाए तो उसे कुर्सी से हटा देना अमेरिका के हित में है।इन शर्तों पर लगाया जा सकता ह महाभियोग-अब अमेरिकी संविधान में राष्ट्रपति के इम्पीचमेंट के लिए दी गई शर्तों में लगभग सभी शर्तों पर डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया जा सकता है। इन आरोपों में से किसी एक के भी सही पाए जाने पर अमेरिकी संसद में नए राष्ट्रपति को इम्पीच करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. जानिए किन कारणों से इम्पीच हो सकते हैं डोनाल्ड ट्रंपडोनाल्ड ट्रंप का बिजनेस इंटरेस्ट-अमेरिकी संविधान और गवर्नमेंट एथिक्स के एक्सपर्ट्स ने नंवबर में डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव के बाद ही उन्हें सलाह दी थी कि वह दुनियाभर में फैले अपने कारोबार को बेचकर उन क्षेत्रों में निवेश करें जिससे बतौर राष्ट्रपति उनकी शक्तियों पर आंच न आए अथवा वह कारोबार बेचने के बाद मिली रकम को किसी ब्लाइंड ट्रस्ट में डाल दें।
ट्रंप के कई बिजनेस हैं-राष्ट्रपति ट्रंप के कई बिजनेस इंटरेस्ट हैं और उन्हें दुनिया के कई देशों से उनकी नियमित आमदनी होती है। इसमें विदेशी सरकारों के साथ-साथ अमेरिकी राज्यों की सरकारें और खुद अमेरिका की फेडरल सरकार भी शामिल हैं। उनकी यह आमदनी बतौर राष्ट्रपति संविधान के खिलाफ है।
विवादों में ट्रंप प्रशासन -ट्रंप के एक महीने के कार्यकाल में उनके नैशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइकल फ्लिन इस्तीफा दे चुके हैं। फ्लिन पर आरोप था कि नवंबर में ट्रंप के चुने जाने के बाद दिसंबर में उन्होंने रूस के राजदूत को राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिशों की चर्चा की थी। इस मामले में यह साफ हुआ कि रूस ने अमेरिकी चुनाव में दखलअंदाजी की थी। इसके अलावा ट्रंप द्वारा सीआईए और सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के लिए चुने गए सीनेटर डेविन नून्स और सीनेटर रिचर्ड बर्र की भूमिका भी संदिग्ध साबित हुई जिससे ट्रंप को नैशनल सिक्योरिटी एडवाइजर का इस्तीफा मांगना पड़ा।विदेशी ताकतों के विश्वास को धक्का-डोनाल्ड ट्रंप ने इमीग्रेशन के मुद्दे पर पड़ोसी मित्र देशों समेत खाड़ी के मुस्लिम देशों और एशियाई देशों को निशाने पर लिया। अपने पहले महीने के कार्यकाल के दौरान वह 7 मुस्लिम देशों को वीजा दिए जाने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं। मेक्सिको जैसे मित्र देश से बॉर्डर पर दीवार बनाने के लिए पैसे मांगनें का दवाब बढ़ा रहे हैं। वहीं वह एशियाई देशों से आईटी और फार्मा क्षेत्रों में अमेरिका में एच1बी वीजा पर काम कर रहे इमीग्रेंट्स को बाहर निकालने की तैयारी कर रहे हैं। इन फैसलों से अमेरिकी सरकार के अंतरराष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचने की पूरी आशंका है और संविधान के मुताबिक यह भी एक वजह डोनाल्ड ट्रंप को कुर्सी से बेदखल करने के लिए पर्याप्त है।
डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ शुरु हो गई महाभियोग लाने की तैयारी..
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