नई दिल्ली। एक तरफ आम आदमी को आय पर जांच और टैक्स की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार ने साफ किया है कि राजनीतिक पार्टियों पर 500 और हजार के पुराने नोट अपने खाते में जमा करने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।सरकार ने ऐलान कर रखा है कि अगर अघोषित आय से ज्यादा कोई व्यक्ति अपने खाते में 500-1000 के नोट जमा करता है तो उसकी जांच की जा सकती है और आयकर कानून के तहत उचित जुर्माना और टैक्स लगाया जा सकता है, लेकिन राजनीतिक पार्टियां कितनी भी मात्रा में 500 और 1000 रुपये के नोट जमा करें उन पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
इस वजह से है छूट-गौरतलब है कि आयकर कानून की धारा 13ए 1961 के अनुसार राजनीतिक दलों की उनकी आय को लेकर टैक्स से छूट है। पॉलिटिकल पार्टियों को इनकम टैक्स कानून के तहत छूट मिलती है।ऐसे कैसे कालाधन पकड़ में आएगा-पिछले महीने 8 नवंबर से नोटबंदी के ऐलान के बाद भी ज्यादातर राजनीतिक दल कैश ही चंदा ले रहे हैं। जाहिर है इसमें पुराने नोटों में भी चंदा दिए जाने की पूरी उम्मीद है तो अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक पार्टियों के पास पुराने नोटों की सूरत में काला धन आने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। और इसे बैंक में जमा करने पर उनसे कोई पूछताछ नहीं होगी।पार्टियों को मिली हुई है छूट-अधिकांश राजनीतिक दल सूचना अधिकार के दायरे में आने को तैयार नहीं हैं और न ही नगद चंदे का स्त्रोत बताने को तैयार हैं। लिहाजा उनके पास चंदा कहां से आया ये पूरी तरह से पता नहीं लगाया जा सकता है।कोर्ट में भी कर चुकी इन्कार-देश की सभी राजनीतिक पार्टियां कोर्ट से भी अपनी अज्ञात आय पर किसी तरह का इनकम टैक्स देने से इनकार कर चुकी हैं। उनके पास इनकम टैक्स कानून के तहत ये अधिकार है।
राजनैतिक पार्टियो के काले धन पर नहीं होगी कोई जांच..
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