हिसार। यदि मन में किसी लक्ष्य को पाने की ठान ली जाए तो बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है हरियाणा के हिसार जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार नेजितेंद्र के पिता रिक्शा चलाते थे और मां लोगों के घरों में बर्तन मांजती थी और मजदूरी करती थीविपरीतपरिस्थितियों में इस युवक ने जो कर दिया, आज सबको उसपर नाज है। हिसार जिले के डबवाली के रहने वाले जितेंद्र ने सभी बाधाओं को पार करते हुए हरियाणा सिविल सर्विस एग्जाम पास किया है। अब वे एसडीएम के रूप में अपना करियर शुरू करेंगे।13 साल की उम्र में ही हो गई थी पिता की मौत जितेंद्र की शुरुआती पढ़ाई डबवाली के गवर्नमेंट प्राइमरी स्कूल और नवोदय स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हिसार के बीआर कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जितेंद्र के पिता परिवार चलाने के रिक्शा चलाया करते थे, लेकिन जब जितेंद्र की उम्र 13 साल थी तब उनके पिता की मौत हो गई थी।शुरू से ही सिविल सर्विसेस में जाना चाहते थे जितेंद्र पिता के मौत के बाद जितेंद्र की मां ने घर को संभाला और बेटे को पढ़ाने के लिए लोगों के घरों में बर्तन मांजती थी और मजदूरी करती थी। जितेंद्र ने बताया कि वो शुरू से ही सिविल सर्विसेस में जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने दिन रात मेहनत की। उन्होंने 22 अगस्त 2016 को पंचकूला में इंटरव्यू दिया था। जितेंद्र ने बताया कि रिजल्ट घोषित होने के बाद जब उनका नाम लिस्ट में आया तो उनको खुशी का ठिकाना नहीं था। जितेंद्र कुमार अपने शहर से पहले एचसीएस अफसर बने हैं।
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