नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने देश के इतिहास में पहली बार एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए राजधानी एवं दूरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों में फ्लैक्सी किराया प्रणाली लागू करने का फैसला किया जिसके तहत गाड़ी में बुकिंग बढऩे के साथ किराया बढ़ता जाएगा और यात्रियों को मूल किराए से डेढ़ गुना तक अधिक भुगतान करना पड़ेगा। रेलवे बोर्ड द्वारा बुधवार को जारी इस आशय के एक परिपत्र को सभी जोनल रेलवे मुख्यालयों को भेजा गया।फ्लैक्सी किराया प्रणाली शुक्रवार नौ सितंबर से लागू की जा रही है। नौ सितंबर के बाद की तिथि पर यात्रा करने वाले जो यात्री पहले से टिकट बुक करा चुके हैं, उन पर यह प्रणाली लागू नहीं होगी और उनसे कोई अतिरिक्त वसूली नहीं की जाएगी। परिपत्र के अनुसार शताब्दी एक्सप्रेस गाडिय़ों में भी यह प्रणाली लागू की गई है। इन गाडिय़ों में तत्काल कोटा एक प्रकार से नाममात्र के लिए रखा गया है। तत्काल कोटा के लिए आवंटित सीटों को डेढ़ गुना अधिक किराए पर बुक किया जाएगा। लेकिन तत्काल प्रभार जैसा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।प्रीमियम तत्काल कोटा इन गाडिय़ों में नहीं होगा। रेलवे ने विभिन्न श्रेणियों में मिलने वाले रियायतों को केवल मूल किराए तक सीमित रखने का फैसला किया है। इस प्रकार से रियायती टिकट लेने वालों को रियायती किराए के साथ मूल किराए की पचास प्रतिशत अधिक राशि और देनी होगी। सभी टिकटों में सुपरफास्ट अधिभार, आरक्षण शुल्क, भोजन शुल्क, सेवा कर आदि यथावत रहेंगे। अत: रियायतों को एक तरह से निरर्थक बना दिया गया है।टिकट रद्द कराने के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रवानगी के चार घंटे पहले चार्ट बनने के बाद बची सीटों को वर्तमान में करंट बुकिंग के माध्यम से सामान्य किराए पर बेचा जाता है। लेकिन, फ्लैक्सी किराया प्रणाली में करंट बुकिंग की सीटों को चार्ट में दर्ज अंतिम सीट के किराए के बराबर किराए पर बेचा जाएगा। अंतिम सीट के किराए को चार्ट में भी अंकित किया जाएगा ताकि चल टिकट परीक्षक (टीटीई) मार्ग में सवार होने वाले यात्रियों से उस किराए के बराबर किराया लेकर रसीद बनाए।
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