उज्जैन-सिर पर गृहस्थी का सामान ले बुजुर्गों व बच्चों के साथ तय समय से दो दिन पहले ही श्रद्धालु पंचक्रोशी यात्रा पर निकल पड़े हैं। इसका विधिवत शुभारंभ 1 मई को भगवान नागचंद्रेश्वर का आशीर्वाद लेने के बाद होगा, लेकिन 118 किमी लंबे मार्ग पर अभी से श्रद्धालुओं की टोलियां नजर आने लगी हैं।ग्रामीण संस्कृति और आस्था से जुड़ी इस यात्रा में पांच लाख से अधिक लोगों के शामिल होने का अनुमान है। यात्री छह दिन में पांच पड़ाव और दो उप पड़ाव पार करेंगे। चार पड़ाव पिंगलेश्वर, कायावरोहणेश्वर, बिल्केश्वर व दुर्दरेश्वर महादेव मंदिर पर विशेष पूजा-अर्चना होगी। 6 मई को शिप्रा तट पर यात्रा समाप्त होगी। शिप्रा स्नान के बाद यात्री दोबारा से नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पहुंचेंगे।
ये रहेंगे पड़ाव
नागचंद्रेश्वर से पिंगलेश्वर पड़ाव 12 किमी
पिंगलेश्वर से कायावरोहणेश्वर पड़ाव 23 किमी
कायावरोहणेश्वर से नलवा उप पड़ाव 21 किमी
नलवा से बिलकेश्वर पड़ाव 06 किमी
बिलकेश्वर (अंबोदिया) से कालियादेह महल उप-पड़ाव 21 किमी
कालियादेह महल से दुर्दरेश्वर पड़ाव 12 किमी
दुर्दरेश्वर पड़ाव से उंडासा 16 किमी
उंडासा उपपड़ाव से शिप्रा नदी 12 किमी
यह है महत्व-पंचक्रोशी यात्रा में श्रद्धालु 84 महादेव में शामिल चार महादेव के दर्शन करेंगे। इसमें पूर्व में पिंगलेश्वर, दक्षिण में कायावरोहणेश्वर, पश्चिम में बिल्वेश्वर, और उत्तर में दुर्देश्वर महादेव विराजित हैं। पं अमर डब्बावाला के अनुसार ये चारों महादेव चार युग के प्रतीक हैं। ये चार पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काल व मोक्ष के कारक भी हैं।यात्रा में चारों महादेव मंदिर भगवान महाकाल के द्वारपाल हैं। यात्रा अनादिकाल से जारी है ।
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