उज्जैन -सिंहस्थ में शिप्रा के घाटों से श्रद्धालुओं के सामान चुराने वाले एक संगठित गिरोह को गुरुवार को पकड़ा है। गिरोह ने चिंतामन गणेश मंदिर ओवरब्रिज के नीचे डेरा डाल रखा था। पुलिस अधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ डेरे पर दबिश दी। दो घंटे से अधिक समय तक चली कार्रवाई में नकदी, गहने, घड़ी, मोबाइल, नए कपड़े, पीतल के कमंडल, रुद्राक्ष की माला बरामद हुई है।चोरों की यह गैंग यूपी के बाराबंकी की है। इसमें अधिकतर महिलाएं हैं। पुलिस ने साधु वेशधारी सरगना समेत आधा दर्जन सदस्याें को पकड़ा है। गिरोह के पकड़ाते ही डीआईजी राकेश गुप्ता भी मौके पर पहुंच गए। गिरोह से 5 लाख रुपए और 50 मोबाइल जब्त हुए हैं।यह है पुलिस की कहानी-डीआईजी राकेश गुप्ता ने बताया वारदात पर अंकुश के लिए मेला क्षेत्र व घाटों पर सादी वर्दी में बल लगाया था। गुरुवार को साधु के रूप में भूखी माता घाट पर घूम रहे संदिग्ध युवक को पकड़ा। पूछताछ में उसने खुद को साधु बताया लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ की तो उसने घाटों से चोरी करना कबूल लिया। पकड़ाया युवक यूपी के बाराबंकी के रसौली का शिवा है।
चिंतामन ब्रिज के नीचे दत्त अखाड़ा जोन प्रभारी आईपीएस आदित्य प्रताप सिंह, एएसपी सिटी अमरेंद्र सिंह, एएसपी धनंजय शाह, प्रमोदसोनकर, डीएसपी सुरेंद्र पाल सिंह राठौर, भूखी माताद्वितीय अस्थाई थाना टीआई सुनील खेमरिया के साथ दबिश दी गई।महंत पदम गिरि। दत्त अखाड़ा क्षेत्र में इनका डेरा है। हुआ यूं कि दो किशोर साधु के वेश में इनसे मांगने आए। इन्हें वे संदिग्ध लगे। डांटकर भगा दिया। उधर से दो-तीन पुलिस वाले गुजर रहे थे। महंत ने उन्हें बुलाया और कहा उन दोनों को चैक करो। पुलिस वालों ने उन्हें बुलाया तो वे भागने लगे। बस इसी घटना ने गिरोह तक पहुंचने का रास्ता दिखा दिया।ये लोग पकड़ में आए-राजकुमार, ओंकार, अर्जुन, विकास, गोविन्द, जोगिन्दर, दीपराम, कालीचंद कपिल, धरमबीर, मन्नू, समित, राकेश, आकाश, विक्की, सत्यनारायण, गिनरीदास, अंकित कपिल, सुमित, जमनादेवी, पवन, चरनदास, गंगादास, धीरज, बंटीदास, फूलसिंह, धर्मराज दास, राकेश, विक्की, प्रमोद दास, अजय, इमरती लाल, कमलेश, संगीत कुमार, संगीत दास, जितेंद्र दास, रोशनलाल।इस तरह करते थे चोरी :सरगना शिवा ने बताया गिरोह में 40 से अधिक पुरुष साधु बनकर घाटों पर स्नान करने जाते हैं। जिसका बैग चोरी करना होता है उसके बगल अपना बैग रख श्रद्धालु से पहले स्नान कर उसके बैग के सामने खड़े होकर कपड़ा बदलते हैं। इसी बीच साधु का चेला बैग उठाकर खिसक जाता है।इनकी वजह से पकड़ाया गिरोह-ब्रिज के नीचे रेलवे पटरी के दोनों ओर करीब 75 डेरे थे। उनमें 150 से अधिक महिलाएं और बच्चे थे। दबिश पड़ते ही भगदड़ मच गई। पुलिस ने घेराबंदी कर सभी काे राेका। बावजूद इसके बगल से गुजरे रेल ट्रैक पर खड़ी ट्रेन में कुछ महिलाएं चढ़ गईं। जब तक उन्हें पकड़ने की कोशिश की जाती, तब तक ट्रेन चल दी। महिला पुलिस ने महिलाओं की तलाशी ली तो अंडर गारमेंट्स में कई जेबें मिलीं। उसमें प्लास्टिक की पन्नियों में नोटों की गड्डियां बंधी मिलीं।वहां बने चूल्हे, पत्थर की पटिया के नीचे, जलाने वाली लकड़ी की गट्ठरों में छिपाकर रखे नोटों के छोटे-छोटे बंडल मिले। पुलिस ने कई स्थान पर कूड़े के ढेर हटाए तो वहां से भी नोट मिले। इसके अलावा कई जोड़ी पैंट, शर्ट, जूते-चप्पल, बर्तन, पीतल के कमंडल, मोती और रुद्राक्ष की माला बरामद हुई। नोटों के बंडल देख सभी की आंखें फटी रह गईं। डेरे से करीब 5 लाख रुपए और चार दर्जन मोबाइल मिले।
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