उज्जैन|महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिये हजारों दर्शनार्थियों की महाकाल मन्दिर में पट खुलने से पहले ही कतार लगना शुरू हो गई थी। महाशिवरात्रि पर्व पर इस बार जिला प्रशासन के द्वारा नई व्यवस्था लागू की गई, जिसकी आम श्रद्धालुओं ने सराहना की। दर्शनार्थियों के द्वारा कहा गया कि “इस बार की व्यवस्था बहुत अच्छी की गई, क्योंकि भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिये प्रवेश की पृथक-पृथक व्यवस्था की गई थी। दर्शनार्थियों की कतार को हरसिद्धि मन्दिर की ओर से बड़ा गणेश व महाकाल मन्दिर के मुख्य द्वार से होते हुए जिकजेक तक ले जाकर दो भागों में बांटते हुए दर्शन की व्यवस्था की गई थी। सिंहस्थ की दृष्टि से दर्शन की व्यवस्थाओं का यह पहला ट्रायल (प्रयोग) था। महाकाल टनल से भी प्रथम बार दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया गया।महाशिवरात्रि पर्व पर दोपहर में कलेक्टर श्री कवीन्द्र कियावत ने विधि-विधान से शासकीय पूजन-अर्चन किया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमती जयश्री कियावत तथा एडीजीपी श्री व्ही.मधुकुमार, पुलिस अधीक्षक श्री एम.एस.वर्मा ने सपत्निक पूजन-अर्चन किया। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा दर्शन व्यवस्था की सतत निगरानी रखी जा रही थी। व्यवस्थाएं चाक-चौबन्द थीं। दर्शनार्थियों को भगवान महाकाल के दर्शन में समय लगभग आधे घंटे के अन्दर हो रहे थे। इस बार कम समय में दर्शन होने पर जिला प्रशासन की दर्शनार्थियों के द्वारा सराहना की गई और कहा गया कि “ऐसी ही व्यवस्थाएं आने वाले सिंहस्थ महापर्व में भी की जाये, ताकि आमजन को सिंहस्थ महापर्व में स्नान एवं मेला क्षेत्र में भ्रमण का अवसर मिल सके।”
महाशिवरात्रि पर्व में दर्शन के लिये आई गुजरात की श्रीमती कौशल्याबाई ने अपने परिजनों के साथ दर्शन कर व्यवस्था की सराहना की। इसी प्रकार झाबुआ जिले की पेटलावद तहसील के ग्राम धतुरिया निवासी रतन, कैलाश, विजय, जुवानसिंह आदि 10-12 लोगों के साथ दर्शन के लिये आये थे और इन्होंने कहा कि “वे हर साल महाकाल भगवान के दर्शन के लिये आते हैं, परन्तु इस बार की व्यवस्था अच्छी लगी। खासतौर से उन्हें जूते-चप्पल की व्यवस्था सुविधाजनक लगी।” भगवान महाकाल के दर्शन शिवरात्रि पर्व पर दूर-दराज से हजारों श्रद्धालुओं ने देव-दर्शन किये। मध्य प्रदेश के अलावा अन्य प्रान्तों गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि विभिन्न स्थानों से आकर भक्तजनों ने भगवान महाकाल के दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जित किया। भगवान महाकाल के दर्शन के पश्चात् दर्शनार्थी अनादि कल्पेश्वर महादेव के पास से नवीन निर्गम द्वार से बाहर निकल रहे थे, जहां निर्गम द्वार के सामने ही उन्हें जूते-चप्पल कपड़े के थैली में नि:शुल्क प्राप्त हो रहे थे। इस व्यवस्था से भी दर्शनार्थी खुश नजर आये। हरसिद्धि की ओर से आने वाले दर्शनार्थियों के जूते-चप्पल हरसिद्धि रोड पर ही प्राप्त कर रहे थे। वहां से कपड़े की थैली में नम्बरिंग कर ई-रिक्शा से निर्गम द्वार के पास बने जूता स्टेण्ड पर व्यवस्थित रखवाये जा रहे थे। यहीं से दर्शनार्थी अपने जूते-चप्पल प्राप्त कर रहे थे। आम दर्शनार्थियों की व्यवस्था के साथ ही साथ 151 रूपये की रसीद कटवाने वाले दर्शनार्थी तथा वीआईपी एवं मीडिया के प्रवेश की अलग-अलग व्यवस्था की गई थी। श्री महाकालेश्वर मन्दिर में आकर्षक रोशनी की गई। इस व्यवस्था का भी आनन्द रात्रि में दर्शन करने वाले दर्शनार्थियों ने लिया।महाशिवरात्रि पर्व पर अनादि कल्पेश्वर महादेव के समीप प्रसादी काउंटर लगाये गये थे, वहीं निर्गम द्वार के बाहर रूद्र सागर के किनारे विभिन्न संगठनों के द्वारा फरियाली खिचड़ी, दूध आदि की नि:शुल्क व्यवस्थाएं दर्शनार्थियों के लिये की गई थी। इन व्यवस्थाओं से भी दर्शनार्थी खुश नजर आये और फरियाली का लुत्फ उठाया। दर्शनार्थियों ने भगवान महाकाल के दर्शन के पूर्व जलद्वार के पास दूध, जल चढ़ाया तत्पश्चात् भगवान महाकाल के दर्शन किये। श्री महाकाल मन्दिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री आर.पी.तिवारी और उनकी टीम के द्वारा व्यवस्थाओं का सतत जायजा लिया जा रहा था। दर्शनार्थियों के लिये शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था की गई थी। व्यवस्थाओं में विभिन्न संगठनों जैसे- मानसेवी, सेवा दल आदि के पदाधिकारियों ने भी मदद की।वर्ष में एक बार दोपहर में होने वाली भस्म आरती होगी-श्री महाकालेश्वर मन्दिर में शिवरात्रि पर्व के दूसरे दिन 8 फरवरी मंगलवार को भगवान महाकाल फूलों के सेहरे में दर्शन देंगे। प्रात: 11 बजे तक सेहरे के दर्शन होंगे। इसके पश्चात् वर्ष में एक बार दोपहर 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी। महाकाल सप्तधान्य का मुखौटा, सोने-चांदी के आभूषण धारण कर दूल्हे के रूप में फल-फूल, सूखे मेवे आदि से सज-धज कर भक्तजनों को दर्शन देंगे। मंगलवार 8 मार्च को दिन की भस्म आरती समाप्त होने तक मन्दिर गर्भगृह में प्रवेश बन्द रहेगा। प्रात: 7.30 एवं 10.30 की आरती अपराह्न 2.30 बजे होगी। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा के आचार्यत्व में होगा।
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