सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण हों -मुख्यमंत्री

शिवराज सिंह चौहान के लिए चित्र परिणामभोपाल|मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंहस्थ के दौरान क्षिप्रा नदी में छल-छल, कल-कल करता निर्मल जल निरंतर प्रवाहित हो। प्रगतिरत कार्यों को अनिवार्यत: समय सीमा में पूर्ण किया जाये। उन्होंने कहा कि कार्यों की प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री नियमित रूप से निरंतर समीक्षा करें ताकि सिंहस्थ में साधु-संतों और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की भी असुविधा नहीं हो। श्री चौहान आज यहाँ मंत्रालय में सिंहस्थ आयोजन के निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री जयंत मलैया, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा, स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन, उज्जैन के प्रभारी परिवहन मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह, राज्य मंत्री नगरीय प्रशासन एवं पर्यावरण श्री लालसिंह आर्य, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री बाबूलाल जैन, सिंहस्थ केन्द्रीय आयोजन समिति के पदाधिकारीगण, क्षेत्रीय विधायक एवं वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सिंहस्थ का आयोजन परंपरागत स्वरूप में गरिमामय भव्यता के साथ सानंद सम्पन्न हो, इसके लिये आमजन, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी, सामाजिक, धार्मिक संस्थाएं और प्रशासन को एकरूप होकर टीम भावना के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने सिंहस्थ आयोजन से संबंधित निर्माण कार्यों की विभागवार समीक्षा की। मुख्यमंत्री को बताया गया कि सिंहस्थ से संबंधित सभी कार्य मार्च में पूर्ण हो जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्याप्त पेयजल आपूर्ति प्रतिदिन हो इसकी सुनिश्चितता की जाये। उन्होंने सिंहस्थ में अकेले आने वाले साधु-संतों के लिये भी मेला क्षेत्र में शेड निर्माण के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि वैचारिक महाकुंभ का आयोजन 12,13 और 14 मई को होगा। इस संबंध में शीघ्र ही बैठक आयोजित की जायेगी।सिंहस्थ केन्द्रीय आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री माखन सिंह ने कहा कि सिंहस्थ का पर्व अत्यंत विशिष्ट है। इस आयोजन में सामान्य जन से लेकर सिद्ध पुरूष तक लाभान्वित होना चाहते हैं। सक्रिय समन्वय और जीवंत संवाद से आयोजन पूरी सफलता के साथ सम्पन्न होगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश शासन आयोजन के व्यवस्थाओं के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित है।बैठक में बताया गया कि महाकुंभ आयोजन में पहली बार नींव आधारित शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। शौचालयों की स्वच्छता के लिये पर्याप्त मानव संसाधन, सामग्री और उपकरणों की व्यवस्था की गई है। कोठी पैलेस में ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम भी 15 मार्च से प्रारंभ हो जायेगा। जिला पंचायत उज्जैन पंचकोषीय यात्रा का आयोजन करेगी।

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