टिकट दलालों से मुक्ति को रेलवे बोर्ड की नई रणनीति..

ट्रेन के लिए चित्र परिणाम नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने टिकट दलालों पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए पीआरएस सिस्टम में जरूरी फेरबदल किए जा रहे हैं। पहला निशाना ऑनलाइन रिफंड सुविधा का दुरुपयोग कर रेलवे को चूना लगाने वाले दलाल होंगे। दूसरा वार उन लोगों पर किया जाएगा, जिन्होंने सैकड़ों टिकटों की एकमुश्त बुकिंग की तरकीब निकालकर आम यात्रियों के लिए कन्फर्म टिकट पाना दुश्वार कर दिया है।रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात अजय शुक्ला के मुताबिक अब दलालों के बुरे दिन आने वाले हैं। उनके तरह--तरह के गोरखधंधों को बंद करने की पूरी तैयारी हो गई है। उदाहरण के लिए रिफंड रैकेट के काम करने के तौर-तरीकों का पता लगा लिया गया है और उसे ध्वस्त करने के उपाय कर लिए गए हैं। इसी तरह पीआरएस पर होने वाली एकमुश्त बुकिंग पर रोक लगाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। दलालों ने इस तरह की तकनीक खोज निकाली है कि बुकिंग खुलते ही मिनटों में सारे कन्फर्म टिकट बुक हो जाते हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद आम यात्रियों को निराशा हाथ लगती है। टिकट वापसी का खेल हो यह रहा है कि कन्फर्म ई--टिकट पर यात्रा भी की जा रही है और ट्रेन में लैपटॉप से ऑनलाइन कैंसिलेशन के जरिए पैसों की स्वत: वापसी भी हो जाती हैइस तरह लगेगी रोक-इस पर अंकुश लगाने के लिए अब चार्ट बनने के बाद कन्फर्म टिकटों का ऑनलाइन रिकार्ड खत्म कर दिया जाएगा। इस तरह कन्फर्म टिकट पर ऑनलाइन स्वत: रिफंड पाना असंभव हो जाएगा और काउंटर पर जाना आवश्यक होगा। इससे प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को ऑनलाइन स्वत: रिफंड की सुविधा पर असर नहीं प़़डेगा।टिकट बुकिंग का खेल-दलालों ने ऐसा सॉफ्टवेयर विकसित कर रखा है, जिसमें सैकड़ों यात्रियों का ब्योरा फीड कर रखा जाता है। बुकिंग खुलते ही सभी टिकटों को एक बार में ही कन्फर्म करा लिया जाता है। इस तरह लगेगी रोक पीआरएस में ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि पहले से तैयार ब्योरे को यह स्वीकार ही नहीं करेगा। प्रत्येक टिकट के लिए नए सिरे से लॉग इन करना होगा और ब्योरा नए सिरे से भरना होगा। हर बार पिछला रिकार्ड मिट जाएगा। यह प्रयोग प्रारंभ हो चुका है। कन्फर्म टिकट मिलने से यात्रियों को सुखद आश्चर्य हो रहा है।

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