आप की जीत को अमेरिका ने बताया अंदरुनी मामला

 वाशिंगटन। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत को भारत का अंदरुनी मामला बताते हुए अमेरिका ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। उसने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के हालिया के दौरे के बाद से भारत के साथ संबंध विशेष रूप से आगे बढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, अमेरिकी राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे प्रधानमंत्री मोदी पर प्रदर्शन का दबाव बढ़ गया है।व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा कि जहां तक भारत के साथ रिश्तों का सवाल है तो यह आगे बढ़ रहे हैं और इसमें काफी संभावना है। साल के पहले ही महीने में राष्ट्रपति ओबामा और विदेश मंत्री जॉन केरी की भारत यात्रा से यह परिलक्षित होता है। अरविंद केजरीवाल की जीत से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह भारत और वहां की जनता का मामला है। अमेरिका किसी राजनीतिक उम्मीदवार के समर्थन में संलग्न नहीं है।दूसरी ओर, मिशीगन यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान के सहायक प्राध्यापक ब्रायन मिन के अनुसार आप की जीत ने प्रमाणित किया है कि भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की धार जल्द कुंद नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि मोदी के लिए राहत की बात है यह है कि मतदाताओं ने विकास के मुद्दों से स्थायी लगाव दिखाया है। जैसे, बिजली, सुशासन जो मोदी के विकास के एजेंडे के करीब हैं। इसी यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक पुनीत मनचंदा और लीला फर्नाडीस के मुताबिक भी इससे मोदी पर दबाव बढ़ गया है।नतीजों से जमीन पर मोदी-अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि दिल्ली के नतीजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जमीन पर ला दिया। 'ए डिफीट फॉर प्राइम मिनिस्टर मोदी' शीर्षक वाले संपादकीय में यह टिप्पणी की गई है। इसमें कहा गया है कि पिछले साल आम चुनावों में मिली बड़ी जीत और बराक ओबामा के सफल दौरे के बाद से मोदी राजनीतिक तौर पर काफी ऊंचाई पर थे। लेकिन, घरेलू राजनीति ने उन्हें और भाजपा को 'कुचल' कर जमीन पर ला दिया है। इससे आर्थिक और सुशासन के वादों को पूरा करने के लिए मोदी पर दबाव काफी बढ़ गया है। अखबार के मुताबिक इससे प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्र सरकार पर मोदी की पकड़ में कोई कमी नहीं आएगी।

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