दिल्ली - 67 फीसदी मतदान, नतीजे के लिए दस फरवरी

 नई दिल्ली। साल भर के अंतराल पर दिल्ली ने शनिवार को फिर से अपनी सरकार चुनने के लिए मतदान किया। शाम छह बजे तक करीब 67 फीसदी वोटरों ने अपना फैसला ईवीएम में दर्ज कर सुरक्षित रख दिया, हालांकि मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की अभी भी लंबी कतार है । नतीजों का औपचारिक एलान 10 फरवरी को होगा। मतदान में काफी उत्साह दिखा। भाजपा, आप और कांग्रेस तीनों पार्टियों के दिग्गजों ने भी वोट डाले। हालांकि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा चुनाव की तरह ही इस बार भी 'निष्पक्षता' के नाम पर वोट नहीं डाला। मतदान के दौरान भी प्रमुख प्रतिद्वंद्वी आप और भाजपा ने जीत के प्रति भरोसा जताते हुए एक-दूसरे खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप जारी रखे।आप के आरोप-भाजपा ने वोटरों को लुभाने के लिए शराब और पैसे बांटे हैं।-किरण बेदी ने कृष्णा नगर में नियम विरुद्ध सैक़़डों कार्यकर्ताओं के साथ बाइक रैली की और पदयात्रा निकाली।-धीमी मतदान गति की चुनाव आयोग से शिकायत। हालांकि आयोग ने कहा कि उसे कहीं से ऐसी खबर नहीं मिली है।भाजपा के आरोप--लोग खासी संख्या में वोट डालने निकले हैं। रिश्वत के आरोप आप की निराशा दर्शाती है। -किरण बेदी ने एक मोबाइल रिकॉर्डिग दिखाते हुए कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने वोटरों को धमकाया।-नई दिल्ली से केजरीवाल के खिलाफ चुनाव ल़़ड रहीं भाजपा प्रत्याशी नूपुर शर्मा ने कहा कि आप कार्यकर्ताओं ने उनसे बदसलूकी की।पिछला वोटिंग रिकॉर्ड -2013 के विधानसभा चुनाव में 66 फीसदी वोट प़़डे थे। यह 2008 के चुनाव की तुलना में करीब 9 फीसदी ज्यादा था। 2008 में 57.58 फीसदी वोट प़़डे थे।कितने अहम होंगे नतीजे-आप के लिए..-आप के लिए अस्तित्व की ल़़डाई। यदि सरकार बनाने में विफल रही तो पार्टी बिख़़डने का खतरा।-जीती तो दिल्ली में सरकार बनाने के साथ ही विपक्षी खेमे में अहमियत ब़़ढ जाएगी।भाजपा के लिए..-भाजपा के लिए इस साल बिहार और अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगा।-भाजपा की जीत-हार दोनों ही प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखी जाएगी। हालांकि भाजपा इससे इंकार कर रही है।कांग्रेस के लिए..-स्थिति नहीं सुधरी तो राहुल गांधी के नेतृत्व पर फिर से हमले का खतरा। लगातार हार से कार्यकर्ताओं में निराशा ब़़ढेगी।-संभव है कि फिर से प्रियंका गांधी को सक्रिय भूमिका में उतराने की मांग जोर पक़़डे।

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