नई दिल्ली। नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थीने बुधवार को यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर अपना नोबेल पदक राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उन्होंने हाल में जीता शांति का नोबेल पदक प्रणब मुखर्जी के सौंप दिया। पदक को अब राष्ट्रपति भवन के म्यूजियम में रखा जाएगा जिसे आगंतुक देख सकते हैं।शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले बाल अधिकार कार्यकर्ता सत्यार्थी ने सोने इस पदक को देश को समर्पित करने का फैसला किया था। बीते 10 दिसंबर को सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार से नवाजा गया था। सत्यार्थी के नोबेल जीतने पर राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया था जहां उन्होंने अपना पदक राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सत्यार्थी ने बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए बेहतरीन काम किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं। सत्यार्थी ने कहा कि दुनियाभर की निगाहें भारत की ओर है, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि बच्चों के अधिकार की सुरक्षा सुरक्षित करने में अपना योगदान दें। देश का वर्तमान और भविष्य बच्चों पर निर्भर है, ऐसे में उनके अधिकारों की रक्षा जरूरी है।सत्यार्थी ने राष्ट्र को समर्पित किया नोबेल पदक
नई दिल्ली। नोबेल विजेता कैलाश सत्यार्थीने बुधवार को यहां राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर अपना नोबेल पदक राष्ट्र को समर्पित कर दिया। उन्होंने हाल में जीता शांति का नोबेल पदक प्रणब मुखर्जी के सौंप दिया। पदक को अब राष्ट्रपति भवन के म्यूजियम में रखा जाएगा जिसे आगंतुक देख सकते हैं।शांति का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले बाल अधिकार कार्यकर्ता सत्यार्थी ने सोने इस पदक को देश को समर्पित करने का फैसला किया था। बीते 10 दिसंबर को सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को संयुक्त रूप से इस पुरस्कार से नवाजा गया था। सत्यार्थी के नोबेल जीतने पर राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया था जहां उन्होंने अपना पदक राष्ट्र को समर्पित किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि सत्यार्थी ने बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए बेहतरीन काम किया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इसके लिए वह उन्हें बधाई देते हैं। सत्यार्थी ने कहा कि दुनियाभर की निगाहें भारत की ओर है, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि बच्चों के अधिकार की सुरक्षा सुरक्षित करने में अपना योगदान दें। देश का वर्तमान और भविष्य बच्चों पर निर्भर है, ऐसे में उनके अधिकारों की रक्षा जरूरी है।
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देश
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New Delhi, Delhi, India
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