नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दो टूक अंदाज में पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि उसके यहां आतंकियों की जन्नत अब कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं भारत की खुले दिल से पैरवी करती हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य की भारतीय दावेदारी का पुरजोर समर्थन किया।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और सोच की प्रशंसा करते हुए आशा जताई कि दोनों देशों की विचारधारा विकास की धारा को और आगे बढ़ाएगी।मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा मिलना है जरूरी-भारत आगमन से पहले ही एक साप्ताहिक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि आतंकवाद के खतरे से निपटने में अमेरिका पाकिस्तान के साथ मिलकर काम रहा है। लेकिन यह भी साफ कर दें कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मुंबई में आतंकी हमले के आरोपियों के पाकिस्तान में खुले घूमने की ओर इशारा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसके गुनाहगारों को सजा मिलना जरूरी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत को साथ-साथ बताते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिकी ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले में कई भारतीय मारे गए थे, उसी तरह मुंबई में आतंकी हमलों में अमेरिकी भी मारे गए थे।पहले भी किया भारतीय दावेदारी का समर्थन-ओबामा ने कहा है कि वह वैश्विक मामलों में भारत की भागीदारी बढ़ाने के पक्षधर रहे हैं। उनके शब्दों में, 'यही वजह है कि मैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार कर भारत को बतौर स्थायी सदस्य इसमें शामिल करने का पक्षधर हूं।' उन्होंने वर्ष 2010 में देश की संसद को संबोधित करते हुए भी भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनाये जाने का समर्थन किया था।मोदी की ऊर्जा और जुझारूपन के मुरीद हुए अमेरिकी राष्ट्रपति-ओबामा देश की चुनावी राजनीति में मोदी लहर से प्रभावित हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मोदी की ऐतिहासिक जीत इसका संकेत है कि भारत की जनता समावेशी आर्थिक विकास, शिक्षा और एक ऐसा शासन चाहती है जो उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके।मोदी के चाय वाले से पीएम बनने का सफर भारतीयों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मैं मोदी की ऊर्जा से प्रभावित हूं।' उन्होंने कहा कि मोदी में दृष्टि है और अवरोधों से जूझने की क्षमता भी है।पाक में आतंकियों की जन्नत बर्दाश्त नहीं-ओबामा
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दो टूक अंदाज में पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि उसके यहां आतंकियों की जन्नत अब कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। वहीं भारत की खुले दिल से पैरवी करती हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य की भारतीय दावेदारी का पुरजोर समर्थन किया।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और सोच की प्रशंसा करते हुए आशा जताई कि दोनों देशों की विचारधारा विकास की धारा को और आगे बढ़ाएगी।मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा मिलना है जरूरी-भारत आगमन से पहले ही एक साप्ताहिक पत्रिका को दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कहा कि आतंकवाद के खतरे से निपटने में अमेरिका पाकिस्तान के साथ मिलकर काम रहा है। लेकिन यह भी साफ कर दें कि पाकिस्तान में चल रहे आतंकी ठिकानों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।मुंबई में आतंकी हमले के आरोपियों के पाकिस्तान में खुले घूमने की ओर इशारा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इसके गुनाहगारों को सजा मिलना जरूरी है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका और भारत को साथ-साथ बताते हुए ओबामा ने कहा कि अमेरिकी ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले में कई भारतीय मारे गए थे, उसी तरह मुंबई में आतंकी हमलों में अमेरिकी भी मारे गए थे।पहले भी किया भारतीय दावेदारी का समर्थन-ओबामा ने कहा है कि वह वैश्विक मामलों में भारत की भागीदारी बढ़ाने के पक्षधर रहे हैं। उनके शब्दों में, 'यही वजह है कि मैं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार कर भारत को बतौर स्थायी सदस्य इसमें शामिल करने का पक्षधर हूं।' उन्होंने वर्ष 2010 में देश की संसद को संबोधित करते हुए भी भारत को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनाये जाने का समर्थन किया था।मोदी की ऊर्जा और जुझारूपन के मुरीद हुए अमेरिकी राष्ट्रपति-ओबामा देश की चुनावी राजनीति में मोदी लहर से प्रभावित हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'मोदी की ऐतिहासिक जीत इसका संकेत है कि भारत की जनता समावेशी आर्थिक विकास, शिक्षा और एक ऐसा शासन चाहती है जो उनकी आकांक्षाओं को पूरा कर सके।मोदी के चाय वाले से पीएम बनने का सफर भारतीयों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मैं मोदी की ऊर्जा से प्रभावित हूं।' उन्होंने कहा कि मोदी में दृष्टि है और अवरोधों से जूझने की क्षमता भी है।
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