कोल्हापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि लोकतंत्र में आरोप नहीं बल्कि आलोचना बेहद जरूरी है। मीडिया पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, जो आजकल नहीं हो रही है। सिर्फ व सिर्फ आरोप लगाए जा रहे हैं। विश्वसनीयता को बचाए रखना आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शनिवार को एक मराठी अखबार के कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि आलोचना नहीं होने से लोकतंत्र में गंदगी बढ़ रही है। आलोचना से जनतंत्र में शुद्धिकरण होता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आरोप लगाने से कुछ नहीं मिलता।आलोचना तटस्थ भाव से हो तो वह देश व समाज के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन सिर्फ दुर्भावना से ग्रस्त होकर आरोप लगाने से नुकसान ही उठाना पड़ता है। मीडिया द्वारा की जाने वाली आलोचना को बेहद जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर आलोचना नहीं होगी तो ठहराव आ जाएगा। बहते पानी में कभी गंदगी नहीं होती, लेकिन एक बार पानी ठहर जाता है तो गंदगी होना शुरू हो जाता है।इसलिए लोकतंत्र का शुद्धिकरण इसका सबसे अच्छा इलाज आलोचना है। मोदी ने कहा कि मैं इस बात का पक्षधर हूं कि लोकतंत्र में आलोचना का महिमामंडन होना चाहिए। आलोचना से दुखी नहीं होना चाहिए। आलोचना नहीं होने से सत्ता में बैठे हुए लोग सबसे ज्यादा बर्बाद हो रहे हैं। समय की मांग है कि आरोपों से मुक्ति पाकर आलोचना की राह को प्रबल बनाया जाए।लोकतंत्र में आरोप नहीं बल्कि आलोचना जरूरी : पीएम
कोल्हापुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि लोकतंत्र में आरोप नहीं बल्कि आलोचना बेहद जरूरी है। मीडिया पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, जो आजकल नहीं हो रही है। सिर्फ व सिर्फ आरोप लगाए जा रहे हैं। विश्वसनीयता को बचाए रखना आज मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है।महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शनिवार को एक मराठी अखबार के कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि आलोचना नहीं होने से लोकतंत्र में गंदगी बढ़ रही है। आलोचना से जनतंत्र में शुद्धिकरण होता है। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि आरोप लगाने से कुछ नहीं मिलता।आलोचना तटस्थ भाव से हो तो वह देश व समाज के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन सिर्फ दुर्भावना से ग्रस्त होकर आरोप लगाने से नुकसान ही उठाना पड़ता है। मीडिया द्वारा की जाने वाली आलोचना को बेहद जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अगर आलोचना नहीं होगी तो ठहराव आ जाएगा। बहते पानी में कभी गंदगी नहीं होती, लेकिन एक बार पानी ठहर जाता है तो गंदगी होना शुरू हो जाता है।इसलिए लोकतंत्र का शुद्धिकरण इसका सबसे अच्छा इलाज आलोचना है। मोदी ने कहा कि मैं इस बात का पक्षधर हूं कि लोकतंत्र में आलोचना का महिमामंडन होना चाहिए। आलोचना से दुखी नहीं होना चाहिए। आलोचना नहीं होने से सत्ता में बैठे हुए लोग सबसे ज्यादा बर्बाद हो रहे हैं। समय की मांग है कि आरोपों से मुक्ति पाकर आलोचना की राह को प्रबल बनाया जाए।
Labels:
देश
Location:
Kolhapur, Maharashtra, India
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