नई दिल्ली । देश के 65वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक आेबामा की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने एेहतियात बरतते हुए राजपथ पर आेबामा के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की कार में आने की बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति की विशेष कार ‘दि बीस्ट के इस्तेमाल का सुझाव दिया है लेकिन अभी की स्थिति के अनुसार आेबामा प्रोटोकाल एवं पारंपरिक रस्मों के अनुरूप मुखर्जी के साथ उनकी गाडी में सलामी मंच पर पहुंचेंगे। अगर एेसा होता है तो आेबामा एेसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होगें जो अपनी कार ‘दि बीस्ट की सवारी नहीं करेगें। यह कैडिलैक वन डिजाइन की एेसी कार है जो किसी भी आतंकवादी हमले से अमेरिकी राष्ट्रपति को बचाने में सक्षम है। अ_ारह फुट लंबी और आठ टन वजनी यह कार अत्याधुनिक बंदूकों और आंसू गैस के गोले से लैस है।आठ इंच मोटी विशेष इस्पात की प्लेट से बनी इस गाडी पर बम विस्फोट और तोप के गोले का असर नहीं होता है। इस कार के टायर को तोडऩा और पंचर करना संभव नहीं है। ईंधन टैंक को किसी भी विस्फोट से बचाने के लिये एक विशेष प्रकार का फोम लगाया गया है। गाड़ी की तली में आक्सीजन टैंक और आग बुझाने के उपकरण लगे हैं। गाड़ी में नाइट विजन कैमरे हैं।गाड़ी का चालक अमेरिकी सीक्रेट सर्विस द्वारा प्रशिक्षित है जो आपात स्थिति में अत्यधिक द्रुतगति से गाडी को भगाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने और 180 डिग्री पर घुमाने में सक्षम है। ‘दि बीस्ट राष्ट्रपति को सीधे अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में रखती है, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो। इस गाड़ी में एक सैटेलाइट फोन भी है जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति और रक्षा मुख्यालय पेंटागन से सीधे संपर्क में होते हैं। आेबामा के सुरक्षाकर्मी वहां से 30 कारें और उनके लिए ईंधन तक लेकर आएंगे।अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि आेबामा राजपथ पर राष्ट्रपति भवन से राजपथ तक भारत के राष्ट्रपति की कार में बैठ कर नहीं आएंगे। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां आेबामा के लिए भारत के राष्ट्रपति की कार को सुरक्षित नहीं मानती। उनका कहना है कि या तो भारत के राष्ट्रपति आेबामा की कार में बैठकर राजपथ से आएं या फिर दोनों राष्ट्रपति अपनी अपनी कारों से अलग अलग पहुंचे। लेकिन गणतंत्र दिवस की परंपरा और प्रोटोकाल के मुताबिक मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति के साथ ही समारोह स्थल पर पहुंचते हैं। भारत ने इस प्रस्ताव से इनकार किया है।सूत्रों का कहना है कि हालांकि एेसी संभावना है कि आेबामा गणतंत्र दिवस समारोह में ‘दि बीस्ट से आयें लेकिन अब तक यह योजना है कि वह प्रोटोकाल का पालन करेंगे तथा भारतीय राष्ट्रपति की लिमोजिन में बैठ कर राजपथ पर आयेगें। सूत्रों ने बताया कि आेबामा के भारत दौरे के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के नाम पर वहां की एजेंसियों ने कई शर्तें रखी हैं। जिनमें से कुछ को भारत ने माना है और कुछ को भारत ने साफ खारिज भी कर दिया है। अमेरिकी एजेंसियों ने राजपथ को नो फ्लाई जोन बनाने की भी शर्त रखी थी जिसे भारत ठुकरा चुका है। इसके अलावा राजपथ पर आेबामा के बैठने के स्थान में हर बीस मिनट बाद परिवर्तन के आग्रह को भी भारतीय एजेंसियों ने अव्यवहारिक बताया है 1 अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को दो घण्टे से अधिक चलने वाले रिपब्लिक डे समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति के एक स्थान पर काफी देर तक बैठे रहने पर आपत्ति है।अमेरिकी एजेंसियों का कहना है कि इतनी देर तक आेबामा का एक स्थान पर बैठना सुरक्षित नहीं है। उन्हें हर 20 मिनट में स्थान बदलने की सलाह दी गई है। जबकि यह समारोह एक ही स्थान पर होता है और राजपथ पर बीच में आेबामा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना परंपरा और नियमों के खिलाफ होगा। खुद भारत के राष्ट्रपति और अन्य विशिष्ट अतिथि एक ही स्थान पर बैठ कर समारोह देखते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने नई दिल्ली के प्रदूषण को लेकर भी आेबामा की दो घंटे तक राजपथ पर खुले में बैठने पर चिंता जतायी थी और कहा था (शेष पृष्ठ ८ पर)कि इससे आेबामा के फेफडों पर बुरा असर पड़ सकता है। कुछ दिनों पहले अमेरिकी दूतावास ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें यहां की आबोहवा को सेहत के लिए हानिकारक बताया गया था। लेकिन इस चिंता को भी लेकर भी दोनांे देशों के अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं। इस बीच सरकार ने आेबामा की मौजूदगी को देखते हुए इस गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में राजपथ पर करीब 10 हजार सीटें ज्यादा लगाने का फैसला किया है। हर साल औसतन एक लाख बीस हजार सीटों की व्यवस्था की जाती है। यह पहली बार है जब सीटों की संख्या बढाई जा रही है।मुखर्जी की कार में ही राजपथ पर आएंगे आेबामा
नई दिल्ली । देश के 65वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आ रहे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक आेबामा की सुरक्षा को लेकर अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने एेहतियात बरतते हुए राजपथ पर आेबामा के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की कार में आने की बजाय अमेरिकी राष्ट्रपति की विशेष कार ‘दि बीस्ट के इस्तेमाल का सुझाव दिया है लेकिन अभी की स्थिति के अनुसार आेबामा प्रोटोकाल एवं पारंपरिक रस्मों के अनुरूप मुखर्जी के साथ उनकी गाडी में सलामी मंच पर पहुंचेंगे। अगर एेसा होता है तो आेबामा एेसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति होगें जो अपनी कार ‘दि बीस्ट की सवारी नहीं करेगें। यह कैडिलैक वन डिजाइन की एेसी कार है जो किसी भी आतंकवादी हमले से अमेरिकी राष्ट्रपति को बचाने में सक्षम है। अ_ारह फुट लंबी और आठ टन वजनी यह कार अत्याधुनिक बंदूकों और आंसू गैस के गोले से लैस है।आठ इंच मोटी विशेष इस्पात की प्लेट से बनी इस गाडी पर बम विस्फोट और तोप के गोले का असर नहीं होता है। इस कार के टायर को तोडऩा और पंचर करना संभव नहीं है। ईंधन टैंक को किसी भी विस्फोट से बचाने के लिये एक विशेष प्रकार का फोम लगाया गया है। गाड़ी की तली में आक्सीजन टैंक और आग बुझाने के उपकरण लगे हैं। गाड़ी में नाइट विजन कैमरे हैं।गाड़ी का चालक अमेरिकी सीक्रेट सर्विस द्वारा प्रशिक्षित है जो आपात स्थिति में अत्यधिक द्रुतगति से गाडी को भगाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने और 180 डिग्री पर घुमाने में सक्षम है। ‘दि बीस्ट राष्ट्रपति को सीधे अमेरिकी प्रशासन के संपर्क में रखती है, चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में हो। इस गाड़ी में एक सैटेलाइट फोन भी है जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति और रक्षा मुख्यालय पेंटागन से सीधे संपर्क में होते हैं। आेबामा के सुरक्षाकर्मी वहां से 30 कारें और उनके लिए ईंधन तक लेकर आएंगे।अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि आेबामा राजपथ पर राष्ट्रपति भवन से राजपथ तक भारत के राष्ट्रपति की कार में बैठ कर नहीं आएंगे। अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां आेबामा के लिए भारत के राष्ट्रपति की कार को सुरक्षित नहीं मानती। उनका कहना है कि या तो भारत के राष्ट्रपति आेबामा की कार में बैठकर राजपथ से आएं या फिर दोनों राष्ट्रपति अपनी अपनी कारों से अलग अलग पहुंचे। लेकिन गणतंत्र दिवस की परंपरा और प्रोटोकाल के मुताबिक मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति के साथ ही समारोह स्थल पर पहुंचते हैं। भारत ने इस प्रस्ताव से इनकार किया है।सूत्रों का कहना है कि हालांकि एेसी संभावना है कि आेबामा गणतंत्र दिवस समारोह में ‘दि बीस्ट से आयें लेकिन अब तक यह योजना है कि वह प्रोटोकाल का पालन करेंगे तथा भारतीय राष्ट्रपति की लिमोजिन में बैठ कर राजपथ पर आयेगें। सूत्रों ने बताया कि आेबामा के भारत दौरे के पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा के नाम पर वहां की एजेंसियों ने कई शर्तें रखी हैं। जिनमें से कुछ को भारत ने माना है और कुछ को भारत ने साफ खारिज भी कर दिया है। अमेरिकी एजेंसियों ने राजपथ को नो फ्लाई जोन बनाने की भी शर्त रखी थी जिसे भारत ठुकरा चुका है। इसके अलावा राजपथ पर आेबामा के बैठने के स्थान में हर बीस मिनट बाद परिवर्तन के आग्रह को भी भारतीय एजेंसियों ने अव्यवहारिक बताया है 1 अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को दो घण्टे से अधिक चलने वाले रिपब्लिक डे समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति के एक स्थान पर काफी देर तक बैठे रहने पर आपत्ति है।अमेरिकी एजेंसियों का कहना है कि इतनी देर तक आेबामा का एक स्थान पर बैठना सुरक्षित नहीं है। उन्हें हर 20 मिनट में स्थान बदलने की सलाह दी गई है। जबकि यह समारोह एक ही स्थान पर होता है और राजपथ पर बीच में आेबामा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना परंपरा और नियमों के खिलाफ होगा। खुद भारत के राष्ट्रपति और अन्य विशिष्ट अतिथि एक ही स्थान पर बैठ कर समारोह देखते हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने नई दिल्ली के प्रदूषण को लेकर भी आेबामा की दो घंटे तक राजपथ पर खुले में बैठने पर चिंता जतायी थी और कहा था (शेष पृष्ठ ८ पर)कि इससे आेबामा के फेफडों पर बुरा असर पड़ सकता है। कुछ दिनों पहले अमेरिकी दूतावास ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर एक रिपोर्ट तैयार की थी जिसमें यहां की आबोहवा को सेहत के लिए हानिकारक बताया गया था। लेकिन इस चिंता को भी लेकर भी दोनांे देशों के अधिकारी माथापच्ची कर रहे हैं। इस बीच सरकार ने आेबामा की मौजूदगी को देखते हुए इस गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में राजपथ पर करीब 10 हजार सीटें ज्यादा लगाने का फैसला किया है। हर साल औसतन एक लाख बीस हजार सीटों की व्यवस्था की जाती है। यह पहली बार है जब सीटों की संख्या बढाई जा रही है।
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New Delhi, Delhi, India
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