इनकी वीरता के आगे सब नतमस्त

नई दिल्ली। अपनीबहादुरी से लोगों की जिंदगी बचाने वाले कुल 24 बच्चों को गणतंत्र दिवस से पहले वीरता पुरस्कार
 से सम्मानित किया जाएगा। इनमें चार बच्चों को मरणोपरांत वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 जनवरी को इन बहादुर बच्चों को अवार्ड देंगे।यह बच्चे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भी शामिल होंगे। इन बहादुर बच्चों के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय बाल कल्याण परिषद की अध्यक्षा गीता सिद्धार्थ ने कहा कि इन बच्चों के सम्मान में राष्ट्रपति भी सम्मान समारोह का आयोजन करेंगे।
इन वर्गों में पाने वाले अवार्ड ःवर्ग- नाम - उम्र - राज्य भारत अवार्ड- रेशम फातमा - 16 साल 9 महीने- उत्तर प्रदेश
संजय चोपड़ा अवार्ड- देवेश कुमार - 16 साल 10 महीने- उत्तर प्रदेश
बापू गैधानी अवार्ड- स्वर्गीय रिया चौधरी - 15 साल 4 महीने- उत्तर प्रदेश
बापू गैधानी अवार्ड- स्वर्गीय मोनिका उर्फ मनीषा -16- उत्तराखंड

ये बच्चे भी होंगे वीरता पुरस्कार से सम्मानितः बलराम डनसेना- 11 साल 8 माह - छत्तीसगढ़
राजदीप दास- 16 साल 9 माह - झारखंड
लाभांशु-15 साल 8 माह - उत्तराखंड
स्वर्गीय गौरव कुमार भारती- 15 साल 7 माह - उत्तर प्रदेश
मामा के चंगुल से बचकर बचाई जानः
लखनऊ की 16 वर्षीय रेशम फातमा एक फरवरी, 2014 को कोचिंग क्लास जा रही थी। रास्ते में मामा रियाज अहमद (38) ने चाकू की नोक पर जबरन कार में धकेला। उसने शादी का प्रस्ताव नहीं मानने पर रेशम को धमकी दी। जब रेशम टस से मस नहीं हुई और विरोध करने लगी तो मामा ने बाल पकड़कर खींचा व सिर पर तेजाब डाल दिया। 15 मिनट तक रेशम बचने के लिए संघर्ष करती रही। आखिरकार उसने मामा को तेजी से धक्का दिया और कूद कर भागी। रियाज ने पीछा किया लेकिन वह एक ऑटो में बैठकर पुलिस स्टेशन पहुंची एवं फिर वहां से अस्पताल में भर्ती कराया गया। रेशम का चेहरा, हाथ, बाल बुरी तरह से जल गया। रेशम को भारत अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।

10 छात्रों की बचाई जानःअसम के सिमलुगुड़ी में 4 दिसंबर 2013 को अचानक दो बदमाश होटल से निकले व हवा में गोली चलाते हुए एक स्कूल वैन को अगवा कर लिया। वैन में गुंजन शर्मा समेत11 बच्चे सवार थे। अपहर्ता ने चालक को गाड़ी घुमाकर मथुरापुर की तरफ जाने के लिए बाध्य किया। गुंजन ने अनुरोध किया कि बदमाश सभी बच्चों को छोड़ दें व उसे बंधक बना लें। सांतक बार्डर के पास अचानक वैन गहरे खड्ढे में गिर गई। अपहर्ता बच्चों को छोड़ गुंजन को बंधक बनाकर साथ ले गए। सुबह करीब पौने चार बजे गुंजन को जंगलों में छोड़ अपहरणकर्ता भाग खड़े हुए। एक घंटा पैदल चलने के बाद गुंजन एक झोपड़ी तक पहुंची, जहां से उसने फोन कर पुलिस को बुलाया। गुंजन को गीता चोपड़ा अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।

झपटमारों का पीछा करने के दौरान लगी गोलीःमैनपुरी (उप्र) निवासी देवेश 15 मई, 2014 को अपने पिता को उनके स्कूल छोड़ने गए थे। जैसे ही वहां पहुंचे तो प्रधानाध्यापिका के चिल्लाने की आवाज सुनी। देवेश मौके पर पहुंचे तो प्रधानाध्यापिका ने बताया कि बाइक सवार दो बदमाशों ने उनकी सोने की चेन झपट ली है। देवेश ने बाइक से पीछा किया व बाइक चला रहे बदमाश को पैर से धक्का मार गिराने की कोशिश की। इस पर बाइक चला रहे बदमाश ने अपने साथी को देवेश को गोली मारने के आदेश दिया। गोली देवेश की कमर में लगी और वह जमीन पर गिर गया। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। देवेश को संजय चोपड़ा अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।

पिता को बचाने में गंवाई जानःमुजफ्फरनगर (उप्र) निवासी रिया चौधरी 10 मार्च, 2014 को घर पर ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी। तभी उसने बाहर से कुछ आवाज सुनी। बाहर जाकर उसने देखा कि माता-पिता एवं ताऊ को कुछ बदमाशों ने घेर रखा था। उन लोगों के हाथों में हथियार थे। अचानक उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। एक बदमाश ने पिता को निशाना बनाते हुए गोली चला दी। रिया पिता के सामने खड़ी हो गई। गोली उसे लगी। दो गोली रिया की मां को लगी। रिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उसे मरणोपरांत पुरस्कृत किया जाएगा। 

बच्चे को डूबने से बचाने में हुई मौतःउत्तराखंड के चमोली जिला की मोनिका उर्फ मनीषा कालेश्वर गांव में 15 जून, 2014 को दो छोटी बहनों के साथ अलकनंदा नदी के किनारे कपड़े धो रही थी। अचानक उसने देखा कि पड़ोस में रहने वाला 10 वर्षीय साहिल आठ फुट गहरे पानी में फिसल गया और डूबने लगा। यह देखते ही मोनिका ने नदी में छलांग लगा दी। उसने साहिल को बचा लिया लेकिन इस दौरान वह तेज बहाव में बह गई एवं उसकी मौत हो गई। उसे भी पुरस्कृत किया जाएगा। 

दोस्तों को बचायाः
रायगढ़ (छत्तीसगढ़) निवासी बलराम डनसेना 19 अप्रैल, 2014 को अपने दोस्त के साथ 15फुट गहरे तालाब में तैराकी सीख रहा था। तभी वहां आठ वर्षीय चंद्रकांत व उसके दोस्त भी आ गए। अचानक चंद्रकांत एवं उसका दोस्त डूबने लगे। इस पर बलराम ने जान की परवाह ना कर छलांग लगा दोनों की जान बचाई। 

थका होने के बावजूद लड़कियों की जान बचाईः
झारखंड के जामताड़ा निवासी राजदीप दास 20 अक्टूबर, 2013 की सुबह लक्ष्मी विसर्जन के लिए गया था। विसर्जन के उपरांत काफी बच्चे वापस लौट गए थे। राजदीप को किसी ने बताया कि कुछ लड़कियां तालाब में डूब गई है। थके होने के बावजूद राजदीप ने आठ फुट गहरे तालाब में कूद गया एवं बच्चियों की तलाश करने लगा। इस दौरान वह थक गया लेकिन वह तब तक बाहर नहीं निकला जब तक कि बच्चियों को बाहर नहीं निकाल लिया। बच्चियों को बाहर निकाल उन्हें उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भी राजदीप ने ही भर्ती कराया।

40 फुट गहरी गंगा नदी से डूबते युवकों को बचायाः
उत्तराखंड के ऋषिकेश निवासी लाभांशु 24 मई, 2014 को गंगा नदी के किनारे कुश्ती का अभ्यास कर रहा था। एक व्यक्ति पानी पीने के लिए नीचे उतरा, लेकिन वह डूबने लगा। एक शख्स उसे बचाने उतरा तो वह भी डूबने लगा। लाभांशु ने जान की परवाह ना कर 40 फुट गहरी गंगा नदी में छलांग लगा दी एवं दोनों को बाहर निकाला। 

दोस्त को बचाने में गई जानः
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के स्वर्गीय गौरव कुमार भारती दोस्त को बचाते समय नदी में डूब गया। 11 मार्च, 2014 की सुबह गौरव के मित्र विकास एवं देवा सरयू नदी में स्नान कर रहे थे। अचानक विकास डूबने लगा। यह देखते ही गौरव ने 30 फुट गहरे पानी में छलांग लगा दी। उसने विकास को नदी के किनारे तक पहुंचा दिया, लेकिन शरीर अनियंत्रित होने से वह गहरे भंवर में फंस गया। उसके दोस्त देवा ने मदद के लिए एक नाविक को बुलाया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। हादसे में गौरव की मृत्यु हो गई।

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