वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक उच्च तकनीक वाला वायुयान बनाने पर विचार कर रही है। यह वायुयान वर्तमान में मौसम का अध्ययन करने वाले वायुयान (वेदर बलून) की अधिकतम ऊंचाई सीमा 65,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर जाने और वहां ज्यादा समय तक रुकने में सक्षम होगा।अभी इस्तेमाल होने वाले वेदर बलून इस ऊंचाई तक जाते हैं लेकिन वहां उन्हें नियंत्रित करना और हवा का सामना करना मुश्किल हो जाता है। नया वायुयान अंतरिक्ष संबंधी शोध और पर्यावरणीय बदलावों को समझने में वैज्ञानिकों के लिए सहायक होगा।इसके जरिये स्ट्रैटोस्फीयर (समतापमंडल) तक दूरदर्शी को ले जाना और तारों व अन्य अंतरिक्षीय पिंडों पर नजर रखना संभव होगा। नासा के कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लैब के जेसन रोड्स की अगुआई वाला दल इस चुनौती पर काम कर रहा है।अभी सीमित है क्षमता-वर्तमान समय में कोई भी वायुयान ऐसा नहीं है जो 65,000 फीट या इससे ज्यादा की ऊंचाई पर आठ घंटे से ज्यादा समय तक रह सके। जेसन ने कहा कि सेटेलाइट इस भूमिका को नहीं निभा सकता है क्योंकि उसकी कक्षा निश्चित होती है और उसे बदला नहीं जा सकता।कैसा होगा नया वायुयान-नए वायुयान पर दो श्रेणियों में काम होगा। पहली श्रेणी का वायुयान 44 पौंड वजन को इस ऊंचाई तक ले जाने और वहां कम से कम 20 घंटे रुकने में समक्ष होगा। दूसरी श्रेणी में 440 पौंड वजन ले जाने और वहां कम से कम 200 घंटे तक रुकने में सक्षम वायुयान बनाए जाएंगे।उच्च तकनीक वाले वायुयान पर नासा की नजर
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक उच्च तकनीक वाला वायुयान बनाने पर विचार कर रही है। यह वायुयान वर्तमान में मौसम का अध्ययन करने वाले वायुयान (वेदर बलून) की अधिकतम ऊंचाई सीमा 65,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर जाने और वहां ज्यादा समय तक रुकने में सक्षम होगा।अभी इस्तेमाल होने वाले वेदर बलून इस ऊंचाई तक जाते हैं लेकिन वहां उन्हें नियंत्रित करना और हवा का सामना करना मुश्किल हो जाता है। नया वायुयान अंतरिक्ष संबंधी शोध और पर्यावरणीय बदलावों को समझने में वैज्ञानिकों के लिए सहायक होगा।इसके जरिये स्ट्रैटोस्फीयर (समतापमंडल) तक दूरदर्शी को ले जाना और तारों व अन्य अंतरिक्षीय पिंडों पर नजर रखना संभव होगा। नासा के कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रोपल्शन लैब के जेसन रोड्स की अगुआई वाला दल इस चुनौती पर काम कर रहा है।अभी सीमित है क्षमता-वर्तमान समय में कोई भी वायुयान ऐसा नहीं है जो 65,000 फीट या इससे ज्यादा की ऊंचाई पर आठ घंटे से ज्यादा समय तक रह सके। जेसन ने कहा कि सेटेलाइट इस भूमिका को नहीं निभा सकता है क्योंकि उसकी कक्षा निश्चित होती है और उसे बदला नहीं जा सकता।कैसा होगा नया वायुयान-नए वायुयान पर दो श्रेणियों में काम होगा। पहली श्रेणी का वायुयान 44 पौंड वजन को इस ऊंचाई तक ले जाने और वहां कम से कम 20 घंटे रुकने में समक्ष होगा। दूसरी श्रेणी में 440 पौंड वजन ले जाने और वहां कम से कम 200 घंटे तक रुकने में सक्षम वायुयान बनाए जाएंगे।
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