भोपाल । निशातपुरा पुलिस ने नकली नोट चलाने वाले एक तीन सदस्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। गैंग के लोगों से करीब डेढ़ लाख रुपए के नकली नोट, चार मोबाइल, तीन डेबिट कार्ड, एक पेनकार्ड व 7 हजार रुपए के असली नोट बरामद हुए हैं। आरोपियों के तार बिहार से जुडे़ हैं। गिरोह का सरगना मूलत: टीकमगढ़ का है।यह जानकारी डीआईजी डी श्रीनिवास वर्मा ने रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में संवाददाताओं को दी।डीआईजी ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर निशातपुरा पुलिस की टीम ने शनिवार रात पंचवटी कॉलोनी के एक मकान पर छापा मारा। वहां टीकमगढ़ निवासी 28 वर्षीय स्वतंत्र जैन पिता राजेंद्र जैन किराए से रहता है। उसके घर की तलाशी ली गई तो पुलिस को स्वतंत्र के पास से पांच-पांच सौ रुपए के 200 नोट मिले। जिनकी जांच की गई तो वे नकली निकले। आरोपी ने कबूल किया कि वो नकली नोट का धंधा करता है। यह नोट वह बिहार से लाता था। उसने बताया कि इस गोरखधंधे में उसके दो दोस्त भी शामिल हैं। पुलिस ने स्टेशन बजरिया से 36 वर्षीय राकेश बामनिया पिता जयपाल सिंह और 26 वर्षीय प्रशांत शर्मा पिता स्व. उधम प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया। राकेश बस में कंडेक्टर है, जबकि प्रशांत पंडिताई की आड़ में नकली नोट चलाता था। पुलिस ने राकेश के पास से 40 हजार तथा प्रशांत के पास से 25 हजार रुपए के नकली नोट बरामद किए है। इस तरह तीनों से 1 लाख 65 हजार रुपए के नकली नोट जप्त किए गए। ट्रांसपोर्ट के जरिए बुलाते थे नकली नोट- आरोपी ट्रांसपोर्ट के जरिए नकली नोट बिहार से बुलाते थे। उन्हें 50 से लेकर 60 प्रतिशत कमीशन मिलता था। आरोपी स्वतंत्र जैन तीन साल से भोपाल में रह रहा है। वो पूर्व में बैराग़़ढ की एक लूट तथा अवैध रूप से पिस्टल रखने के आरोप में जेल जा चुका है, जहां उसकी मुलाकात राकेश बामनिया से हुई थी। राकेश भी कोहेफिजा में हुई लूट के आरोप में उन दिनों जेल में था। दोनों ने जेल से छूटने के बाद गिरोह बना लिया। गिरोह का सरगना स्वतंत्र जैन 10वीं तक प़़ढा हुआ है। वह होटल में काम करता है। आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ जारी है।

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