मिलने का मतलब उनका समर्थन नहीं: ब्रिटिश उच्चायुक्त

नई दिल्ली. गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध खत्म करने के करीब 10 माह बाद ब्रिटेन ने गुरूवार को इस पर स्पष्टीकरण दिया. ब्रिटेन के उच्चायुक्त जेम्स बिवेन ने कहा, मुख्यमंत्री के साथ किसी भी तरह का संबंध उनका अनुमोदन करना नहीं है. उन्होंने साथ ही राज्य में हुए मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता भी जताई.जेम्स ने यह भी कहा कि 2002 के गुजरात दंगों में तीन ब्रिटिश नागरिक मारे गए थे. उनका देश इन नागरिकों के लिए न्याय मांग रहा है. जेम्स ने कहा, हम मानवाधिकारों को लेकर चिंतित हैं. इन दंगों में तीन ब्रिटिश नागरिक मारे गए थे. हम चाहते हैं कि उन्हें न्याय मिले. मोदी के साथ बातचीत से हम अपना पक्ष प्रभावी तौर पर रख पाएंगे.गत अक्टूबर में मोदी से मुलाकात को जेम्स ने राजनयिक मुलाकात बताया. मिलने का मतलब उनका समर्थन करना नहीं है. जेम्स ने कहा, मैंने पिछले अक्टूबर में मोदी से मुलाकात की थी. महत्वपूर्ण लोगों से मिलना अच्छी बात है. मैं उनसे प्रभावित नहीं हूं. मैं अपना कार्य कर रहा हूं. उल्लेखनीय है कि जेम्स दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में मोदी से मिले थे.ब्रिटेन की लेबर पार्टी की ओर से मोदी को संबोधन के लिए आमंत्रित किए जाने के सवाल पर जेम्स ने कहा, बिटिश सांसदों की ओर से गुजरात के मुख्यमंत्री को दिया गया यह निजी निमंत्रण है. उल्लेखनीय है कि इन सांसदों ने मोदी को दी फ्यूचर ऑफ मॉडर्न इंडिया विषय पर संबोधन के लिए आमंत्रित किया है. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन ने मोदी का 10 साल पुराना बॉयकॉट खत्म कर दिया है. गुजरात दंगों के बाद यह बॉयकॉट किया गया था.

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