किश्तवाड़,(स्वर्ण सिंह)। दो सौ से ज्यादा आतंकियों को मार चुकेऔर राष्ट्रपति मेडल से सम्मानित एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सब इंस्पेक्टर (एएसआइ) शिवकृष्ण शर्मा उर्फ सोनू को आतंकियों को हथियार देने के आरोप में मंगलवार को डोडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सोनू के साथ हेड कांस्टेबल मुहम्मद अयूब के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। मंगलवार को उन्हें डोडा की अदालत में पेश कर पुलिस ने दस दिन की रिमांड पर ले लिया है। गौरतलब है कि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सोनू को 1999 में आतंकवाद के दौर में बेहतर काम करने पर तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री लालकृष्ण अडवाणी की सिफारिश पर एएसआइ बनाया गया था | पुलिस के अनुसार, 27 अप्रैल, 2013 को आतंकियों ने डोडा के ठाठरी पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड हमला किया था।इस मामले में पुलिस ने मुहम्मद रफीक को पकड़ा। उसके पास से एक चाइनीज पिस्टल, तीन मैगजीन व पांच कारतूस बरामद हुए। रफीक की निशानदेही पर चार अन्य लोगों-अख्तर हुसैन, अब्दुल रशीद उर्फ अब्दुल्ला, याकूब व अल्ताफ हुसैन को पकड़ा गया। पुलिस ने अख्तर हुसैन के पास से एके-56 राइफल, तीन मैगजीन, 143 कारतूस, अब्दुल रशीद से दो मोटरोला सेट, याकूब व अल्ताफ हुसैन से एक-एक चाइनीज ग्रेनेड बरामद किए।पांचों ने सोमवार को ठाठरी थाने में पूछताछ के दौरान बताया कि उन्हें यह हथियार सब इंस्पेक्टर शिवकृष्ण शर्मा उर्फ सोनू तथा हवलदार मुहम्मद अयूब ने दिए थे। डोडा पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल दोनों किश्तवाड़ में तैनात थे। सोनू ने पिछले 13 साल में करोड़ों की संपत्ति भी बनाई। आतंकवाद के दौर में सोनू सेना के साथ काम करता था। बाद में उसे एसपीओ में भर्ती किया गया।1999 में ठाठरी के पास लेयोटा गांव में हुए नरसंहार के समय सोनू ने आतंकियों के खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई थी। घटना के बाद दौरे पर आए तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री लालकृष्ण अडवाणी ने उसकी बहादुरी पर उसे एएसआइ नियुक्त करने की सिफारिश की। उसके बाद सोनू ने जो रफ्तार पकड़ी उस देख सभी दंग रह गए। जब भी कोई आतंकी मारा जाता, तो उसमें सोनू का ही नाम होता था। उसे कई मेडल से भी सम्मानित किया गया।
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