शादी के लिए पहुंच गईं गर्भवती लड़कियां, शादीशुदा लड़के

बैतूल (मध्यप्रदेश)। नौ आदिवासी युवतियों को गर्भवती होने की आशंका पर शादी करने से रोक दिया गया। ये महिलाएं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में आई थी। चार दूल्हों को भी पहले से शादीशुदा होने के कारण विवाह मंडप में बैठने से रोका गया। कार्यक्रम में महिलाओं का गर्भ परीक्षण किए जाने की शिकायत भी मिली है। अधिकारियों ने इससे इनकार किया है। वहीं बैतूल के कलेक्टर राजेश मिश्रा ने कहा कि हरदू में कुछ महिलाओं के गर्भ परीक्षण की शिकायत मिली है। मामले की शनिवार को जांच कराऊंगा। हरदू गांव में शुक्रवार को 400 से अधिक जोड़ों का सामूहिक विवाह हुआ। इस दौरान नौ आदिवासी युवतियों की कथित जांच के दौरान उन्हें गर्भवती पाया गया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री विजय शाह, विधायक गीता उइके, पूर्व सांसद प्रकाश खंडेलवाल सहित प्रशासन का अमला मौजूद था।जनपद पंचयत बैतूल के सीईओ वीके सिंह ने कहा- कुछ महिलाओं की मांग में पहले से सिंदूर लगा हुआ था। उन्होंने पहले से शादीशुदा होने की बात स्वीकार की। नौ महिलाओं और चार पुरुषों सहित 13 जोड़ों को अपात्र होने के कारण विवाह मंडप से लौटाया गया। 

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