रियल एस्टेट रेगुलेटर को कैबिनेट की हरी झंडी


नईदिल्ली | कैबिनेट ने रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल को मंजूरी दे दी है। इससे बिल्डर की मनमानी पर काफी हद तक रोक लग सकेगी। इस बिल के लागू होने से बिल्डर को सभी प्रोजेक्ट स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी से रजिस्टर कराना जरूरी होगा। वहीं तय समय सीमा के भीतर बिल्डर को अपना प्रोजेक्ट पूरा करना होगा।नए नियमों के मुताबिक बिल्डर को कुल डिपॉजिट का 70 फीसदी रकम अलग बैंक खाते में रखना होगा। बैंक खाते की रकम का इस्तेमाल सिर्फ उसी प्रोजेक्ट में, जिसके खरीदारों का पैसा है। सभी मंजूरी मिलने के बाद ही डेवलपर प्रोजेक्ट लॉन्च कर सकता है।कारपेट एरिया पर ही प्रॉपर्टी की खरीद-बिक्री होगी। प्रोजेक्ट को स्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी से रजिस्टार कराना जरूरी होगा। रियल एस्टेट रेगुलेटर बिल के तहत गुमराह करने वाले विज्ञापन देने पर रोक लगेगी। साथ ही, तय शर्तों को पूरा नहीं करने पर बिल्डर जेल जा सकता है। प्रॉपर्टी के ब्रोकरों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।वहीं, फूड सिक्योरिटी बिल पर बैठक में चर्चा नहीं हुई। खाद्य मंत्रालय के पास अध्यादेश के लिए पूरे कागजात नहीं थे। शुक्रवार को फूड सिक्योरिटी बिल के अध्यादेश पर फिर से विचार किया जा सकता है।साथ ही, कैबिनेट ने वोडाफोन के बकाया टैक्स पर समझौते पर बातचीत करने को मंजूरी दी है। वोडाफोन पर 11217 करोड़ रुपये की टैक्स देनदारी है। जुर्माना और ब्याज जोड़कर कंपनी को 20000 करोड़ रुपये से ज्यादा चुकाने हैं। जनवरी 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन के पक्ष में फैसला दिया था। फिर सरकार ने कानून में पिछली तारीख से बदलाव करके कंपनी से टैक्स मांगा है।

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