वाशिंगटन। भारतीय मूल के 13 साल के अरविंद महानकली ने वर्ष 2013 की स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता जीत कर फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय समुदाय के छात्र पिछले छह साल से दुनियाभर में मशहूर इस प्रतियोगिता के विजेता बनते आए हैं और इस साल भी शीर्ष तीनों पदों पर भारतीयों ने ही सफलता के झंडे गाड़े हैं। इलियानोस के प्रणव शिवकुमार को दूसरा जबकि न्यूयॉर्क के श्रीराम हथवार को तीसरा स्थान हासिल हुआ है।जर्मन भाषा के एक शब्द की सही स्पेलिंग बताकर न्यूयॉर्क के रहने वाले अरविंद ने यह प्रतियोगिता जीत ली। यह 86वीं स्पेलिंग बी प्रतियोगिता थी। इस प्रतियोगिता के तहत छात्रों की दिमागी ताकत, धैर्य और शब्दावली के ज्ञान की परख की जाती है। इस मौके पर अरविंद ने कहा, 'जर्मन भाषा के जो शब्द पहले मेरे लिए मुश्किलें खड़ी करते थे, आज वे ही मेरे लिए वरदान साबित हुए।' प्रतियोगिता का फाइनल करीब ढाई घंटे तक चला, जिसमें अरंिवंद ने अन्य आठ प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर दी। वह वर्ष 2008 के बाद से इस प्रतियोगिता को जीतने वाले पहले लड़के हैं, इससे पहले लड़कियों ने ही प्रतियोगिता में बाजी मारी है।अरविंद को इनाम स्वरूप ट्राफी के साथ साथ 30 हजार डॉलर दिए गए। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अरविंद को गणित, विज्ञान में काफी दिलचस्पी है और वह एक भौतिक विज्ञानी बनना चाहते हैं। अरविंद के पिता आइटी सलाहकार और उनकी मां चिकित्सक हैं। उनकी मां हैदराबाद से ताल्लुक रखती है।स्पेलिंग बी प्रतियोगिता में फिर भारतीय छात्र अव्वल
वाशिंगटन। भारतीय मूल के 13 साल के अरविंद महानकली ने वर्ष 2013 की स्क्रिप्स नेशनल स्पेलिंग बी प्रतियोगिता जीत कर फिर इतिहास रच दिया है। भारतीय समुदाय के छात्र पिछले छह साल से दुनियाभर में मशहूर इस प्रतियोगिता के विजेता बनते आए हैं और इस साल भी शीर्ष तीनों पदों पर भारतीयों ने ही सफलता के झंडे गाड़े हैं। इलियानोस के प्रणव शिवकुमार को दूसरा जबकि न्यूयॉर्क के श्रीराम हथवार को तीसरा स्थान हासिल हुआ है।जर्मन भाषा के एक शब्द की सही स्पेलिंग बताकर न्यूयॉर्क के रहने वाले अरविंद ने यह प्रतियोगिता जीत ली। यह 86वीं स्पेलिंग बी प्रतियोगिता थी। इस प्रतियोगिता के तहत छात्रों की दिमागी ताकत, धैर्य और शब्दावली के ज्ञान की परख की जाती है। इस मौके पर अरविंद ने कहा, 'जर्मन भाषा के जो शब्द पहले मेरे लिए मुश्किलें खड़ी करते थे, आज वे ही मेरे लिए वरदान साबित हुए।' प्रतियोगिता का फाइनल करीब ढाई घंटे तक चला, जिसमें अरंिवंद ने अन्य आठ प्रतिभागियों को कड़ी टक्कर दी। वह वर्ष 2008 के बाद से इस प्रतियोगिता को जीतने वाले पहले लड़के हैं, इससे पहले लड़कियों ने ही प्रतियोगिता में बाजी मारी है।अरविंद को इनाम स्वरूप ट्राफी के साथ साथ 30 हजार डॉलर दिए गए। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अरविंद को गणित, विज्ञान में काफी दिलचस्पी है और वह एक भौतिक विज्ञानी बनना चाहते हैं। अरविंद के पिता आइटी सलाहकार और उनकी मां चिकित्सक हैं। उनकी मां हैदराबाद से ताल्लुक रखती है।
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