चूड़ी कारखानों से 168 बाल मजदूर छुड़ाए


नई दिल्ली। दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन ने राजस्थान से बाहर ले जाए जा रहे 168 बाल मजदूरों को मुक्त करा लिया। स्वयंसेवी संगठन चेतना द्वारा चलाए जा रहे चाइल्डलाइन आगरा के निदेशक संजय गुप्ता ने रविवार को कहा कि उन सभी बच्चों को संगठन चेतना द्वारा भरतपुर रेलवे स्टेशन से शनिवार को छुड़ाकर लाया गया। बच्चों को जयपुर से किसी अनजान जगह ले जाया जा रहा था।गुप्ता ने बताया कि बचाए गए बच्चे राजस्थान में चूड़ी के विभिन्न कारखानों में काम करते थे। उन्हें बच्चों की तस्करी करने वालों ने वहां काम पर लगाया था जो उन बच्चों को बाहर से राजस्थान में ले आए थे। राजस्थान पुलिस ने चूड़ी कारखानों में बाल मजदूरी 10 दिनों के भीतर बंद करने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद इन बच्चों को राज्य से बाहर ले जाया जा रहा था।आगरा रेलव स्टेशन से शुक्रवार को आठ से 10 वर्ष की आयु के बीच ऐसे ही 60 और बच्चों को चेतना की चाइल्डलाइन आगरा द्वारा बचा लिया गया था। गुप्ता ने कहा कि राजस्थान में चूड़ी कारखानों में 60,000 के करीब बच्चे काम करते हैं। बच्चों की तस्करी करने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की जरूरत है।बच्चों की तस्करी में संलिप्त लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न किए जाने के कारण बाल अधिकार संरक्षण राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीसीआर) द्वारा एक टीम को भरतपुर भेजा गया था। एनसीपीसीआर की एक सदस्य नीना नायक ने बताया कि बचाए गए अधिकतर बच्चे बिहार राज्य के हैं। नायक ने कहा कि हमारी टीम बच्चों के पुनर्वास के लिए स्थानीय प्रशासन, पुलिस और एनजीओ के साथ मिलकर काम करेगी।

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