उज्जैन | 27-फरवरी- राज्यपाल श्री रामनरेश यादव द्वारा आज इन्दौर में रवीन्द्र नाट्य गृह में धार के तत्कालीन कलेक्टर श्री बी.एम.शर्मा को अपने कार्यकाल में धार को धुम्रपान निषेध जिला बनाने पर अतिविशिष्ट पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि यह चिंतनीय विषय है कि हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी नशे के कट्टर विरोधी थे और उन्होंने नशा विरोधी समाज की स्थापना के लिये जीवनपर्यन्त प्रयास किये, फिर भी हमारे देश में पाँच लाख से अधिक मौतें तम्बाकू उत्पादों के कारण होती है। भारत युवा शक्ति वाला देश है, युवा भारत के विकास में निरन्तर योगदान दे रहे हैं, परन्तु यह चिन्ता का विषय है कि हमारे युवा तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, तंबाकू एक विश्व स्तरीय समस्या है। डब्ल्यूएचओ द्वारा भी युनाइटेड नेशन में एक संधि बनाई है जिसमें भारत भी अभिन्न अंग है। देश के 40 प्रतिशत से अधिक लोग तंबाकू या तंबाकू उत्पादों का प्रयोग करते हैं। सरकार ने इससे बचने के लिये देश व समाज में जागरूकता लाने के अधिनियम-2003 पारित किया है। आज भी विश्व में सात लाख से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु तंबाकू सेवन से होती है, यदि यही दर रही तो 2020 तक विश्व में 80 प्रतिशत मौतें तंबाकू से होंगी। इससे बचने के लिये जनता के साथ एनजीओ, गणमान्य नागरिकों और धर्मगुरूओं को साझा प्रयास करने होंगे, जिससे तंबाकूमुक्त समाज की स्थापना हो सकेगी। राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के आसपास सौ मीटर की दूरी में तंबाकू उत्पाद की बिक्री प्रतिबंधित होना चाहिये। देश में कहीं भी तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो, ऐसी कार्यवाहियां सुनिश्चित की जायें। अधिनियम की धारा-4 के अन्तर्गत निजी व सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान करने पर 200 रूपये जुर्माने का अधिकार संस्थान के प्रबंधक, प्रशासक, पर्यवेक्षक या प्रभारी अधिकारी को है। कार्यक्रम में इन्दौर के छह जिलों को धुम्रपान निषेध जिला घोषित किया गया, जिसमें धार, झाबुआ, बुरहानपुर, अलीराजपुर, खंडवा तथा खरगोन हैं। इस अवसर पर राज्यपाल श्री यादव ने कहा कि अगली बार पूरे इन्दौर संभाग को धुम्रपान निषेध क्षेत्र घोषित किया जाये, ऐसे प्रयास होने चाहिये।

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