जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग और गुरेज सेक्टर में बीती 25 जनवरी को आए बर्फीले तूफान (हिमस्खलन) में भारतीय सेना के 20 जवानों की जान लगी. जवानों की हिम समाधि का कारण बने इस तूफान के बार में हिमपात और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) ने दावा किया है कि उसने भारतीय सेना को पहले ही इससे आगाह किया था.संस्थान के निदेशक अश्वघोष गंजू ने कहा, 'इस हिमस्खलन के पीछे कई वजहें हैं. इन हिमस्खलनों का पहले ही अनुमान लगाया गया था.' उन्होंने साथ ही कहा कि हम ये तो नहीं बता कि फ्लां-फ्लां जगह पर इस-इस वक्त हिमस्खलन होगा, लेकिन इसके संभावित इलाकों का मोटा-मोटी अनुमान लगाया जाता है. उन्होंने कहा, 'हमने हिमस्खलन की आशंका से सेना को अवगत करा दिया था.'
गंजू ने कहा, 'इतनी तेज और अभूतपूर्व बर्फबारी को देखते हुए हम जानते थे कि वहां हिमस्खलन होगा. इसकी तीव्रता का अनुमान लगाना तो संभव नहीं था, लेकिन हमने लोगों को इसकी सूचना दे दी थी.' हालांकि गंजू यह भी कहते हैं, 'सेना की अपनी बाध्यताएं होती हैं, और ऐसे में मैं इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकता.वहीं सेना से जब इस बाबत संपर्क किया, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. वहीं एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर ने माना कि 'मुश्किल हालातों में कई मुश्किल फैसले लेते होते हैं ।
बर्फीले तूफान के पहले ही सेना को मिली थी चेतावनी..
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